Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि विद्यार्थी जीवन में जो युवा अनुशासन में रहकर शिक्षा को प्राप्त करता है. उस पर सरस्वती और मां लक्ष्मी दोनों की कृपा बनी रहती है.


छात्र जीवन के बारे में विद्वानों का मत है कि शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए. सेहत बेहतर होने की स्थिति में ही शिक्षा को प्राप्त करने में आसानी होती है. इसलिए सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए. विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का विशेष महत्व बताया गया है. स्वयं आचार्य चाणक्य का भी मानना था कि जीवन में यदि अनुशासन नहीं है तो आसान लक्ष्य को पाना भी मुश्किल हो जाता है. इसलिए जीवन में अनुशासन का होना अत्यंत जरूरी है.


समय सही प्रयोग करें
शिक्षाविदें का मानना है कि विद्यार्थी जीवन में समय का बहुत बड़ा महत्व होता है. एक एक पल कीमती होता है. विद्यार्थियों को इस बात को सदैव ध्यान में रखना चाहिए. विद्वानों के अनुसार जो समय की कीमत को नहीं जानता है, वह सदैव कष्ट और दुखों को भोगता है. इसलिए समय खराब नहीं करना चाहिए.


गलत संगत से दूरी बनाकर रखें
विद्यार्थी जीवन में गलत आदतें कभी कभी बहुत जल्दी आकर्षित करने लगती है. अच्छी बातें देर से समझ में आती हैं. लेकिन इस अंतर को समझने को प्रयास करना चाहिए. विद्यार्थी जीवन भविष्य की दिशा और दशा को भी तय करती है. इसलिए इस विद्यार्थी जीवन काल में अपने करियर को लेकर गंभीर होना चाहिए. जिन आदतों से भविष्य निर्माण में बाधा उत्पन्न हो, उनसे दूर रहना चाहिए. इस उम्र में संगत का बहुत प्रभाव पड़ता है. इसलिए अच्छी संगत को अपनाएं.


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