Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि लक्ष्मी जी की कृपा जिस पर होती है उसे जीवन की कई तरह की परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है. भौतिक जीवन में धन की विशेष उपयोगिता बताई गई है. इसीलिए हर व्यक्ति धन को प्राप्त करने के लिए निरंतर जतन और प्रयत्न करता रहता है.


विद्वानों को मानना है कि धन उसी को प्राप्त होता है जो अपने परिश्रम पर पूर्ण विश्वास रखता है. परिश्रम से ही लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं. परिश्रम के बिना जीवन में सफलता की कल्पना करना असंभव है. गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि व्यक्ति को परिश्रम करने से कभी नहीं भागना चाहिए. परिश्रम ही व्यक्ति को महान और आदरणीय बनाता है. परिश्रम से सभी प्रकार के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है. भौतिक युग में धन को आवश्यक साधन बताया गया है. चाणक्य के अनुसार जीवन में यदि धनवार बनना है तो व्यक्ति को अच्छे गुण, श्रेष्ठ आचरण और कठोर अनुशासन के महत्व को जानना चाहिए.


नियमों का पालन करें
विद्वानों का मानना है कि जो व्यक्ति अपने महत्वपूर्ण कार्यों को समय और नियमों के दायरे में रहकर पूर्ण करता है उसे लक्ष्मी जी का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है. इसलिए इस बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए.


दूसरों का अहित करके कोई श्रेष्ठ नहीं बनता है
विद्वानों का मानना है कि जो व्यक्ति दूसरों का अहित करके धन प्राप्त करना चाहता है वो कभी अपने मकसद में सफल नहीं हो सकता है. ऐसे लोगों को कभी लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है. यदि किसी तरह से सफलता प्राप्त कर भी लें, तो ये सफलता अधिक दिनों तक नहीं रहती है.


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