Chanakya Niti: सफलता अपने साथ खुशियां और कई शत्रु भी लाती है, क्योंकि सफल व्यक्ति के कई शत्रु होते हैं जो उसकी कामयाबी से जलते हैं. आपके लक्ष्य में बाधा पहुंचाने का हर संभव प्रयास करते हैं. सफलता की रफ्तार को कम करने की कोशिश में लगे रहते हैं. चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति साहसी और अपने लक्ष्य के प्रति अडिग है, वह अपने शत्रुओं को खुद पर हावी नहीं होने देता. चाणक्य ने बताया है कि शत्रु जब बेहद शक्तिशाली हो तो क्या करना चाहिए और कब उसे हराया जा सकता है.



  • चाणक्य के अनुसार जब दुश्मन आपसे ज्यादा ताकतवर हो तो बिना पूरी तैयारी के उसके सामने जाना मूर्खता है. कमजोर अवस्था में शत्रु से दो-दो हाथ करने से हार तय है. शत्रु शक्तिशाली हो तो शांत रहकर उसकी कमजोरी का पता लगाएं और सही समय का इंतजार करें.

  • दुश्मन को मात देने के लिए हर पहलू पर ठंडे दिमाग से विचार करें और फिर प्रहार करें. ऐसे समय में धैर्य और आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है.

  • शत्रु के सामने अगर हार नजर आ रही है तो उसे कभी दर्शाएं नहीं. ऐसे वक्त में कमजोर पड़ गए तो हार सौ फीसदी निश्चित है. चाणक्य कहते हैं कि अगर शत्रु हमसे अधिक शक्तिशाली है तो उसके साथ अनुकूल व्यवहार करें. ऐसा करने पर आप धीरे-धीरे उसकी चाल को भांप लेंगे और कभी परेशानी में नहीं फंसेंगे. ऐसे लोगों की शक्ति को कभी कम नहीं आंकना चाहिए.वही अगर दुश्मन कमजोर और छल-कपट करने वाला है तो विपरीत बर्ताव करें.

  • चाणक्य कहते हैं की आपकी मुस्कान में वह ताकत है जो बड़े से बड़े दुश्मन को मात दे सकती है.  चाणक्य के अनुसार शत्रु जब पीड़ा दे रहा हो तो डरने की बजाय खुश रहने की पूरी कोशिश करें. ये कठिन जरुर है लेकिन यहीं उसपर सीधा वार करेगा. तकलीफों के बाद आपके चेहरे पर मुस्कान देखकर वह बौखलाएगा और चूक कर बैठेगा. बस यही वह समय होगा जो आपको जीत का सहरा पहना सकता है.


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