Chaitra Durga Ashtami 2024 Highlights: चैत्र नवरात्रि की अष्टमी पर जानें कन्या पूजन की विधि

Chaitra Navratri Durga Ashtami 2024 Highlights: नवरात्रि में पूरे नौ दिन देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है. नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है.

एबीपी लाइव Last Updated: 16 Apr 2024 04:36 PM
मां महागौरी का स्वरूप

मां महागौरी का वर्ण अत्यंत गौर है. इनके वस्त्र और आभूषण भी सफेद हैं. मां की चार भुजाएं हैं और इनका वाहन बैल है. मां के दाहिने ओर के ऊपर हाथ में अभय मुद्रा और नीचे हाथ में त्रिशूल है. वहीं बाईं ओर के ऊपर वाले हाथ में डमरू और नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा है.

Chaitra Navratri 2024: धन प्राप्ति के लिए आज शाम करें ये खास उपाय

काम में बार-बार असफलता मिलती है या फिर आप धन की समस्या से परेशान हैं तो आज नवरात्रि की अष्टमी की शाम हनुमान जी की मूर्ति के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं. इस दीपक में दो लौंग डाल दें. इसके बाद हनुमान और दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए. इस टोटके को करने से सारे रुके काम पूरे हो जाते हैं. धन संकट दूर होता है.

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Maa Mahagauri Aarti: मां महागौरी की आरती

जय महागौरी जगत की माया ।
जया उमा भवानी जय महामाया ।।
हरिद्वार कनखल के पासा ।
महागौरी तेरा वहां निवासा ।।
चंद्रकली ओर ममता अंबे ।
जय शक्ति जय जय मां जगदंबे ।।
भीमा देवी विमला माता ।
कौशिकी देवी जग विख्याता ।।
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा ।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ।।
सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया ।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ।।
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया ।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ।।
तभी मां ने महागौरी नाम पाया ।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया ।।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता ।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ।।
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो ।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो ।।

Maa Mahagauri Kavach path: मां महागौरी का कवच पाठ

ॐकारः पातु शीर्षो माँ, हीं बीजम् माँ, हृदयो। क्लीं बीजम् सदापातु नभो गृहो च पादयो॥
ललाटम् कर्णो हुं बीजम् पातु महागौरी माँ नेत्रम् घ्राणो। कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा माँ सर्ववदनो॥

Kanya Pujan 2024: कन्या पूजन का सबसे खास नियम

कन्या पूजन में दो से नौ वर्ष की आयु की कन्याओं का ही पूजन किया जाए और साथ में एक बटुक भी यानी नौ कन्याओं के साथ एक बटुक रूप बालक अवश्य होना चाहिए. क्योंकि मां की पूजा भैरव पूजा के बिना अधूरी है.

Chaitra Navratri 2024: दुर्गाष्टमी पर राहु से बचने का उपाय

मां महागौरी की पूजा से राहु शांत होता है. ऐसे में आज महाष्टमी पर लौंग का दान करना चाहिए. शिवलिंग पर लौंग अर्पित करें. कहते हैं इससे घर में खुशहाली आती है. नवरात्रि में लौंग का ये टोटका करने से राहु के दुष्प्रभाव नहीं झेलने पड़ते

Maa Mahagauri Puja: मां महागौरी की पूजा के लाभ

अष्टमी तिथि पर महागौरी की पूजा करने का विधान है. इस दिन गुलाबी रंग का कपड़ा पहनना मंगलमय माना जाता है. माता महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं और अपने भक्तों के जीवन से सभी नकारात्मक शक्तियों को दूर करती हैं.

Chaitra Navratri 2024: कैसा पड़ा माता का नाम महागौरी

नवरात्रि की महाष्टमी पर मां के आठवें रूप महागौरी की पूजा की जाती है. मां की चार भुजाएं हैं. जैसा की नाम से ही जाहिर है, इनका रूप पूर्णतः गौर वर्ण का है. इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है. माता महागौरी के भी आभूषण और वस्त्र सफेद रंग के हैं. मां का रंग बहुत गोरा है इसलिए उन्हें महागौरी कहा जाता है.

महागौरी सिद्ध मंत्र (Mahagauri Sidh Mantra)

श्रीं क्लीं ह्रीं वरदायै नम:


सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यामाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥


या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

Navratri 2024 Ashtami: नवरात्रि अष्टमी का महाउपाय

आज चैत्र नवरात्रि की अष्टमी के दिन माता को लाल चुनरी में एक बताशा, सिक्का, नारियल रखकर अर्पित करें. मान्यता है इससे देवी जल्द प्रसन्न होती हैं और 9 दिन की पूजा का शीघ्र फल प्राप्त होता है. सालभर घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. भक्तों के धन-अन्न के भंडार भरे रहते हैं.

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चैत्र नवरात्रि 2024 कन्या पूजन (Chaitra Navrartri 2024 Kanya Pujan)

अष्टमी पूजन के दिन कन्याओं को माथे पर अक्षत, फूल, और कुमकुम लगाया जाता है.


मां दुर्गा का ध्यान करते हुए, इच्छानुसार भोजन कराया जाता है.


भोजन कराने के बाद, कन्याओं को भेंट दी जाती है.


एक बार फिर से कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है

कन्या पूजन विधि (Kanya Pujan Vidhi)

चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथी पर पूरी विधि के साथ कन्या पूजन करना चाहिए. इस दिन कन्या पूजन के दौरान, कन्याओं के पैर धोने की परंपरा है. कन्याओं के पैर धो कर उन्हें साफ स्थान पर बैठाना चाहिए. कन्याओं के पैर धोने के बाद, उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है. कन्याओं को देवी दुर्गा का रूप माना गया है.

चैत्र नवरात्रि 2024 (Chaitra Navratri 2024)

आज अष्टमी तिथि दोपहर 1.23 मिनट तक रहेगी. अगर आपने अभी कन्या पूजन नहीं किया है तो शेष बचें दो घंटे के अंदर आप कन्या पूजन कर सकते हैं.

राशि अनुसार अष्टमी पर कन्याओं को क्या दें? (Rashi Anusar Kanya Ko Kya den?)

मकर राशि वाले कन्याओं को बर्तन सेट और 11 रुपये की दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए.


कुंभ राशि वाले कन्याओं को नीला वस्त्र और 21 रुपये दक्षिणा दें.


मीन राशि वाले कन्याओं को एक गुड़िया और 25 रुपये की दक्षिणा दें.

Ashtami Par Rashi Anusar Den Uphaar (अष्टमी पर राशि अनुसार दें उपहार)

तुला राशि वाले कन्याओं को सफेद वस्त्र और 21 रुपये की दक्षिणा देकर विदा करें. 


वृश्चिक राशि वाले कन्याओं को रंग बिरंगी चूड़ियां उपहार में दें.


धनु राशि वाले कन्याओं को पेन पेंसिल, कोई खिलौना और 14 रुपये की दक्षिणा दें. 

Ashtami Par Rashi Anusar Kanya Ko Kya den? (अष्टमी पर कन्याओं को क्या दें?)

कर्क राशि वाले कन्याओं को सफेद रुमाल 25 रुपये की दक्षिणा देकर विदा करें.


सिंह राशि वाले कन्याओं को गुलाबी वस्त्र और 21 रुपये दक्षिणा देकर विदा करें.


कन्या राशि वाले कन्याओं को एक कहानी किताब और 23 रुपये की दक्षिणा देकर विदा करें.

अष्टमी पर राशि अनुसार कन्याओं को क्या भेंट दें? (Ashtami Rashi Anusar Kanya Ko Kya den?)

मेष राशि वालों को कन्या पूजन के समय पीला रुमाल और 11 रुपये की दक्षिणा देकर विदा करें.


वृषभ राशि वाले कन्याओं को गुलाबी वस्त्र और 21 रुपये दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए.


मिथुन राशि वाले कन्याओं को एक गुड़िया और 14 रुपये की दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए.

महाष्टमी की शुभकामनाएं (Ashtami 2024 Wishes)


मां दुर्गा की आरती (Maa Durga Ki Aarti)

जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा मूर्ति .
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥1॥


मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को .
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥2॥


कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै.
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥3॥


केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी .
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥4॥


कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती .
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥5॥


शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती .
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥6॥


चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू.
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥7॥


भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी.
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥8॥


कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती .
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥9॥


श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै .
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥10॥

मां महागौरी को लगाएं इन चीजों का भोग (Maa Mahagauri Ka Bhog)

अष्टमी के दिन मां महागौरी को हलवा, पूरी और चने का भोग लगाया जाता है. इस दिन मां महागौरी को नारियल की बर्फी और लड्डू चढ़ाने से भी वो प्रसन्न होती हैं. मां का प्रिय भोग नारियल माना गया है.

मां महागौरी की पूजा का महत्व (Maa Mahagauri Puja Significance)

मां महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. वो जीवन की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. माना जाता है कि देवी महागौरी ने भगवान शिव को पति के रुप में पाने के लिए कड़ी तपस्या की थी. इसलिए मां महागौरी की पूजा करने से विवाह में आ रही सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं. इनकी पूजा से एकाग्रता बढ़ती है.

चैत्र नवरात्रि अष्टमी पूजा सामग्री (Navratri Ashtami Puja samagri)

आज माता की पूजा में रोली, मौली, हल्दी, अक्षत, सफेद पुष्प, नारियल, पंचमेवा, लाल चुनरी, श्रृंगार सामग्री, फल, मिठाई, ध्वजा जैसी सामग्री एकत्रित कर लें. अगर आज हवन कर रहे हैं तो  आपको आम की लकड़ी, हवन कुंड, पंच पल्लव, जौ, गोला, अश्वगंधा, गूलर की छाल, कूपर,तिल, नवग्रह की लकड़ी, अक्षत, घी, शक्कर, इलायची, पान, लौंग की जरुरत होगी.

मां महागौरी का मंत्र (Maa Mahagauri Mantra)

श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥


या देवी सर्वभू‍तेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अष्टमी के दिन बन रहा ये शुभ योग (Chaitra Navratri Ashtami Shubh Yog)

आज नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण भी हो रहा है. इसके अलावा आज धृति और शूल योग है. इन शुभ योग में माता दुर्गा की पूजा करना बेहद शुभ माना गया है.

कन्या पूजन के नियम (Kanya Pujan Niyam)

कन्या पूजन करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. कन्याओं की उम्र 2 साल से लेकर 10 साल के बीच होनी चाहिए. कन्या जब आपके घर आएं तो उनको स्वागत फूल और माला से करें. उनके पैर धुलें और बैठने के लिए आसन दें. उनके सिर पर लाल चुनरी रखें. इसके बाद कन्याओं को भोजन में पूड़ी, हलवा, काले चने, खीर, नारियल और फल दें. अंत में उन्हें उपहार या कुछ दक्षिणा दे. उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें फिर उन्हें विदा करें.

महागौरी की पूजा विधि (Mahagauri Pujan Vidhi)

आज के दिन सुबह स्नान-ध्यान के बाद मां की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. मां को सफेद पुष्प अर्पित करें और उनके मंत्रों का उच्चारण करें. माता रानी को चुनरी अर्पित करें. आज के दिन माता रानी को हलुआ,पूरी,सब्जी,काले चने और नारियल का भोग लगाना चाहिए. 

आज इस शुभ मुहूर्त में करें कन्या पूजन (Kanya Pujan Shubh Muhurt)

अष्टमी का पूजन करने वाले लोग इस दिन कन्या पूजन करते हैं. कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त आज सुबह 7 बजकर 51 मिनट से  सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक का है. वहीं कन्या पूजन का अभिजीत मुहूर्त आज सुबह 11 बजकर 55 से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक है. 

ऐसा है मां महागौरी का स्वरूप (Maa Mahagauri Roop)

मां महागौरी सफेद कपड़े पहनती हैं और मां बैल की सवारी करती हैं. मां महागौरी की चार भुजाएं हैं. मां के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में डमरू धारण है. वही तीसरा और चौथा हाथ अभय और वरद मुद्रा में रहता है. महागौरी करुणा, स्नेह, शांत स्वाभाव से भरी हैं. मां का यह स्वरूप आनंद और खुशियां प्रदान करने वाला माना जाता है. 

चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि आज (Chaitra Navratri Ashtami 2024)

आज चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि है. इस दिन मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है. नवरात्रि के नौ दिनों में दुर्गा अष्टमी का खास महत्व होता है. अष्टमी के दिन व्रत रखने और मां के इस रूप की आराधना करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस दिन देवी की पूजा, हवन और कन्या पूजन होता है. 

बैकग्राउंड

Chaitra Navratri 8th Day: आज चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि है. इस दिन मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है. नवरात्रि के नौ दिनों में दुर्गा अष्टमी का खास महत्व होता है. 


मां महागौरी सफेद कपड़े पहनती हैं और मां बैल की सवारी करती हैं. मां के इस रूप की चार भुजाएं हैं. मां का यह स्वरूप आनंद और खुशियां प्रदान करने वाला माना जाता है. मां महागौरी को शांभवी नाम से भी जाना जाता है.


बैल पर सवार मां का रंग बहुत गोरा है इसलिए उन्हें महागौरी कहा जाता है. मां के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में डमरू धारण है. वही तीसरा और चौथा हाथ अभय और वरद मुद्रा में रहता है. महागौरी करुणा, स्नेह, शांत स्वाभाव से भरी हैं.  


महागौरी की पूजा विधि


इस दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान के बाद मां की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. इस दिन मां को सफेद पुष्प अर्पित करें और मां के मंत्रों का उच्चारण करें. आज के दिन माता रानी को हलुआ,पूरी,सब्जी,काले चने और नारियल का भोग लगाना चाहिए. 


माता रानी को चुनरी अर्पित करें. जो लोग अष्टमी की पूजा करते हैं उन लोगों को पूजा के बाद कन्याओं को भोजन कराना चाहिए. कन्या पूजन करना शुभ फलदायी माना जाता है.


महागौरी की पूजा का महत्व


मां महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. वो जीवन की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. माना जाता है कि देवी महागौरी ने भगवान शिव को पति के रुप में पाने के लिए कड़ी तपस्या की थी. इसलिए मां महागौरी की पूजा करने से विवाह में आ रही सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं. 


मां महागौरी महिलाओं के सुहाग की रक्षा करती हैं. वो भक्तों के सारे भूल माफ कर देती हैं. माता की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से हर तरह के ृअनैतिक विचार दूर होते हैं और जीवन में पवित्रता बढ़ती है. इनकी पूजा से एकाग्रता की कमी दूर हो जाती है.


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