Chaitra Amavasya 2024: आज सोमवार, 08 अप्रैल को हिंदू चैत्र अमावास्या मनाया जाएगा. इस दिन लोग पितरों का श्राद्ध व तर्पण करतें हैं और अपने पूर्वजों को नमन करते हैं. इस विषय पर विस्तृत वर्णन पुराणों में वर्णित हैं, चालिए उस पर दृष्टि डालते हैं.


पुराणों के अनुसार अमावस्या तिथि का महत्व


नारद पुराण पूर्वभाग चतुर्थ पाद अध्याय क्रमांक 124 के अनुसार, चैत्र अमावास्या को पितरों की पूजा, तर्पण विधि के अनुसार श्राद्ध भोजन, विशेषतः गौ आदि का दान- ये सब कार्य सभी महीनों की अमावास्या को अत्यन्त पुण्यदायक बताये गये हैं.


भविष्य पुराण ब्रह्म पर्व अध्याय क्रमांक 99 के अनुसार, अमावास्या तिथि पितरों को अत्यन्त प्रिय है. इस दिन दान और तर्पण आदि करने से पितरों को तृप्ति प्राप्त होती है. जो अमावास्या को उपवास करता है, उसे अक्षय-वट के नीचे श्राद्ध करने का फल प्राप्त होता है. यह अक्षय-वट पितरों के लिए उत्तम तीर्थ है. जो अमावास्या को अक्षय-वट में पितरों के उद्देश्य से श्राद्धादि क्रिया करता है, वह पुण्यात्मा अपने इक्कीस कुलों का उद्धार कर देता है.



  • भविष्य पुराण ब्रह्म पर्व अध्याय क्रमांक 102 के अनुसार, सूर्य के द्वारा पितरों को पवित्र, पुण्य-शालिनी अमावास्या तिथि दी गयी  है.

  • भविष्य पुराण ब्रह्म पर्व अध्याय क्रमांक 183 के अनुसार,अमावास्या में जो श्राद्ध किया जाता है, उसे पार्वण–श्राद्ध कहते हैं.


यही महानता है हिन्दू धर्म की है कि वे अपने पूर्वजों को याद करते हैं, क्योंकि हम सभी अपने पूर्वजों के ऋणी हैं. उन्ही की कृपा से हमारा सनातन धर्म अभी तक विद्यमान हैं. हमारे पूर्वज ही हमारे संस्कारों की नींव डालते हैं. इसलिए आज चैत्र अमावस्या पर उन्हें शत शत नमन.


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