Nirjala Ekadashi 2023 Vrat Vidhi: पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है. इसे भीमसेनी एकादशी या भीम एकादशी भी कहा जाता है. इस साल निर्जला एकादशी का व्रत बुधवार 31 मई 2023 को रखा जाएगा.


निर्जला एकादशी, कठिन व्रतों में एक है


हर महीने दो एकादशी ( शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में) तिथि पड़ती है. लेकिन सभी एकादशी में माघ शुक्ल की निर्जला एकादशी के व्रत को कठिन माना जाता है. क्योंकि इस व्रत में पूरे दिन अन्न और जल का त्याग करना होता है. इस व्रत की महिमा भी अपार होती है. निर्जला एकादशी व्रत को करने से साल में पड़ने वाली सभी 24 एकादशी व्रतों के समान फल मिलता है और भगवान विष्णु की कृपा से सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है.



निर्जला एकादशी व्रत में क्या पी सकते हैं पानी?


निर्जला एकादशी का व्रत कठोर होता है. खासकर माघ के महीने में जब प्रचंड गर्मी पड़ती है तब निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है, जोकि जीवन में जल के महत्व को बताता है. लेकिन अगर आपने निर्जला एकादशी का व्रत रखा है और आपको बहुत अधिक प्यास लग रही है या ऐसी स्थिति आ पड़े कि जल के बिना प्राण संकट में आ जाए तो इसके लिए शास्त्रों में कुछ उपाय भी बताए गए हैं, जिससे कि आपकी प्यास भी बुझ जाएगी और कोई दोष नहीं लगेगा. साथ ही इस विधि से जल ग्रहण करने पर आपका व्रत भी निष्फल नहीं होगा.


इस विधि से निर्जला एकादशी में पी सकते पानी



  • निर्जला एकादशी में व्रत के दौरान अगर आपको अधिक प्यास लग रही है तो आप ऊँ नमो नारायणाय’ मंत्र का 12 बार जाप करें. इसके बाद चांदी, पीतल या मिट्टी धातु के पात्र में पानी में गंगाजल मिलाकर भर दें. इसके बाद आप घुटने और हाथों को जमीन पर रखकर पशुवत जल पी सकते हैं. इससे व्रत निष्फल नहीं होता है.

  • इस तरह से जल पीने के बाद आप पुन: व्रत का पालन करें और अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को विधिपूर्वक एकादशी व्रत का पारण करें.

  • निर्जला एकादशी में व्रत के दौरान अगर आपका गला सूख रहा है तो आप आमचन कर सकते हैं.

  • इसके अलावा आप कुल्ला करके पानी को बाहर निकाल सकते हैं. इससे पानी गले से नीचे नहीं जाएगा और आपका व्रत भी नहीं टूटेगा.


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