Ashadh Guru Purnima: हिंदू धर्म में गुरु की महिमा बताते हुए कहा गया है कि गुरु का स्थान गोबिंद अर्थात भगवान से ऊंचा होता है. वैसे तो हिंदू धर्म पूर्णिमा का विशेष स्थान होता है परन्तु आषाढ़ मास की पूर्णिमा का सर्वोच्च स्थान है.क्योंकि इस दिन की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा या आषाढ़ पूर्णिमा कहते हैं. आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का पर्व मनाया जाता है.


आषाढ़ पूर्णिमा को महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. इस लिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. इस साल गुरु पूर्णिमा का पर्व 24 जुलाई 2021 मनाया जाएगा. गुरु पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष उपाय करने से गुरु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. परन्तु कुछ ऐसे कार्य भी है जिसे करने से गुरु नाराज होते हैं. इस लिए आइये जानें गुरु पूर्णिमा को क्या करें और क्या न करें?



आषाढ़ पूर्णिमा को करें ये चमत्कारी उपाय



  • गुरु पूर्णिमा के पावन दिन पर पीपल के वृक्ष की जड़ों में मीठा जल डालना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों कर अपनी पूरी कृपा बरसाती है.

  • गुरु पूर्णिमा की शाम को पति-पत्नी मिलकर यदि चंद्रमा का दर्शन करें और उन्हें गाय के दूध का अर्घ्य दें. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से उनके दांपत्य जीवन में मधुरता आती है.

  • आषाढ़ गुरु पूर्णिमा की शाम को तुलसी जी के सामने शुद्ध देशी घी का दीपक जलाना चाहिए.ऐसा करने से सौभाग्य प्राप्त होने की मान्यता है.

  • गुरु पूर्णिमा की शाम को चंद्रमा का दर्शन करना चाहिए. उसके बाद दूध में गंगाजल और अक्षत मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से चंद्र दोष दूर हो जाते हैं. यह भी ध्यान रहे कि चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद चंद्रदेव के मंत्र ‘ॐ सों सोमाय नमः’का जप जरूर करें.


पूर्णिमा के दिन कभी करें ये काम



  • गुरु पूर्णिमा के इस पावन दिन पर घर को गंदा नहीं रखना चाहिए.

  • आषाढ़ पूर्णिमा के दिन किसी को भी कठोर बचन नहीं बोलना चाहिए और नही किसी से  लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए.

  • गुरु पूर्णिमा के पावन दिन किसी स्त्री या बुजुर्ग व्यक्ति का अपमान भूलकर भी नहीं करना चाहिए. इससे गुरु नाराज हो जाते हैं और उनका शाप मिल सकता है.

  • आषाढ़ गुरु पूर्णिमा के दिन भूलकर भी मांस-मदिरा आदि तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.