Apara Ekadashi 2025: ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को मनाई जाने वाली अपरा एकादशी 23 मई 2025 को है. भगवान कृष्ण ने स्वयं अपरा एकादशी के व्रत के महत्व के बारे में बताया है. ब्रह्माण्ड पुराण के अनुसार, अपरा एकादशी को मोक्ष का द्वार माना गया है.
इस बार शुक्रवार को एकादशी होने से इस दिन का महत्व बढ़ गया है क्योंकि ये माता लक्ष्मी का दिन है और एकादशी विष्णु जी को समर्पित है. ऐसे में एकादशी पर लक्ष्मी नारायण की पूजा और व्रत का पारण नियम अनुसार करने पर व्यक्ति को पूर्ण फल की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं अपरा एकादशी 2025 का व्रत पारण कब, कैसे किया जाएगा.
अपरा एकादशी 2025 पूजा मुहूर्त
- विष्णु जी की पूजा मुहूर्त - 23 मई 2025 को सुबह 5.26 से सुबह 10.35
- इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा - रात 11.57 - प्रात: 12.38 (लक्ष्मी जी की पूजा रात में विशेष फलदायी होती है)
अपरा एकादशी 2025 व्रत पारण समय
एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के बाद किया जाता है. 24 मई 2025 को सुबह 5.26 मिनट से सुबह 8.11 मिनट के बीच अपरा एकादशी का व्रत पारण किया जाएगा. पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय रात 07:20 बजे तक है. द्वादशी तिथि खत्म होने से पहले ही पारण कर लें नहीं तो व्रत व्यर्थ चला जाता है.
अपरा एकादशी व्रत पारण विधि
व्रत का पारण करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो और सूर्य देव को जल अर्पित करें. इसके बाद भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करें फिर विधिवत रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें. इसके बाद अपने मुंह में तुलसी का पत्ता रखकर एकादशी व्रत का पारण करें. इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि पारण के दिन केवल सात्विक भोजन ही खाना चाहिए. पारण से पहले ब्राह्मण को दान देना न भूलें. इस विधि से जो एकादशी का व्रत पारण करते हैं उनका व्रत पूर्ण रूप से सफल होता है.
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