Anant Chaturdashi Upaye: भाद्रपद मास (Bhadrapad Month) के शुक्ल पक्ष (Shukla Paksha) की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के अन्नत रूपों (Anant Form Of Bhagwan Vishnu) की पूजा की जाती है. इस बार अनंत चतुर्दशी 19 सितंबर (Anant Chaturdashi On 19th September) को मनाई जाएगी. इसी दिन गणेश जी (Ganesh Ji) को विदा किया जाता है और उन्हें जल में विसर्जित (Ganesh Ji Visarjan) कर दिया जाता है. धार्मिक दृष्टि से अनंत चतुर्दशी का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. इस दिन लोग भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा करते हैं और व्रत आदि रखते हैं. 


इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए अगर ये तीन कार्य कर लिए जाएं, तो भगवान भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें मुंह मांगा फल देते हैं. इसे अनंत चौदस (Anant Chudas) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन पूजा के बाद हाथों में 14 गांठों वाला अनंत सूत्र (14 Knot Anant Sutra) बांधने की परंपरा है. कहते हैं इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. लेकिन इन तीनों कामों को एक साथ करने से भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं. आइए डालते हैं एक नजर इन कार्यों पर.


भगवान विष्णु जी की पूजा (Bhagwan Vishnu Puja)
ग्रंथों में बताया गया है कि अनंत चतुर्दशी का नाम ये क्यों रखा गया है. कहते हैं कि विष्णु भगवान के प्रिय शेषनाग का नाम अनंत है और उन्हीं के नाम पर अनंत चतुर्दशी का नाम रखा गया है. कहते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा जरूर करनी चाहिए. इससे भगवान जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.


अनंत चतुर्दशी पर रखें व्रत (Anant Chaturdashi Vrat)
सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी को बहुत ही अहम माना गया है. अनंत चतुर्दशी के व्रत की बहुत मान्यता है. इस दिन व्रत रखने से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार पांडव जब जुए में अपना सारा राज-पाट हार गए थे तो उसे वापस पाने के लिए श्री कृष्ण ने उन्हें अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने की सलाह दी थी. पांडवों ने परिवार के साथ अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा था, जिसके बाद उन्हें फिर से राज-पाट वापस मिल गया था. 


श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ (Shri Vishnu Shahashtranaam Path)
अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत रखने और पूजा पाठ आदि करने के साथ-साथ विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना भी शुभ माना जाता है. कहते हैं इस स्तोत्र के पाठ से भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. उन्हें सुख-संपत्ति और संतान की प्राप्ति होती है. 


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