Akshaya Navami 2025: हर साल कार्तिक महीने में अक्षय नवमी मनाई जाती है. यह पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को होता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है. साथ ही उनकी कृपा से सभी संकट और परेशानियां दूर होती हैं. इस शुभ दिन महिलाएं शाम तक व्रत रखती हैं और आंवले के पेड़ के नीचे भोजन बनाती हैं. भोजन तैयार होने के बाद सबसे पहले भगवान विष्णु और भगवान शिव को भोग लगाया जाता है.

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अक्षय नवमी का शुभ योग

अक्षय नवमी के दिन विशेष योग बन रहे हैं, जो इसे और भी शुभ बनाते हैं.  इसकी शुरुआत सुबह 6:17 बजे से होगी.  साथ ही रवि योग भी पूरा दिन रहेगा. इस योग में मां लक्ष्मी की पूजा करने से सभी शुभ कार्यों में सफलता और लाभ मिलता है. साथ ही, शिववास योग सुबह 10:03 बजे तक रहेगा. इस समय पर मां लक्ष्मी की पूजा करने से हर प्रकार के शुभ कार्य में मनचाहा परिणाम प्राप्त होता है.

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अक्षय नवमी की पूजा विधि

अक्षय नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इसके बाद व्रत रखने का संकल्प लें. पूजाघर की सफाई करें और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की श्रद्धापूर्वक पूजा करें. शाम के समय दोबारा स्नान करें, क्योंकि मुख्य पूजा शाम में ही की जाती है. फिर आंवले के पेड़ के नीचे सफाई करें और पूजा की सामग्री वहीं रखें. हल्दी, चावल, कुमकुम, फूल और जल से आंवले के वृक्ष की विधि से पूजा करें. पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं और सात बार परिक्रमा करें. इसके बाद पेड़ के नीचे ही भोजन पकाएं और सबसे पहले भगवान विष्णु व भगवान शिव को भोग लगाएं. अंत में वहीं बैठकर प्रसाद ग्रहण करें. ऐसा करने से जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि आती है.

अक्षय नवमी : शुभ मुहूर्तइस साल अक्षय नवमी का पर्व 31 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा. नवमी तिथि की शुरुआत 30 अक्टूबर प्रातः 10:06 बजे से होगी और यह 31 अक्टूबर प्रातः 10:03 बजे तक रहेगी. 31 तारीख को उदयातिथि है. इसलिए शास्त्रों के अनुसार व्रत और पूजा करने का सबसे शुभ समय इसी दिन माना गया है.

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