हिंदू धर्म में अचला सप्तमी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. माघ के महीने में शुक्ल पक्ष की सप्तमी को इसे मनाया जाता है. अचला सप्तमी को सभी सप्तमी तिथियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस बार अचला सप्तमी 19 फरवरी को शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी. अचला सप्तमी को आरोग्य सप्तमी, रथ सप्तमी और सूर्य सप्तमी के मान से भी जाना जाता है.


अचला सत्पमी के शुभ अवसर पर व्रत रखने से संतान की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही जातक स्वस्थ और आरोग्य बना रहता है. संताम प्राप्ति का कामना पूरी होने के कारण इसे पुत्र सप्तमी भी कहा जाता है. कहा जाता है कि इस दिन से ही सूर्य के सातों घोड़े उनका रथ खींचना शुरू करते हैं इसलिए एस दिन को रथ सप्तमी भी कहा जाता है.

अचला सप्तमी का शुभ मुहूर्त

अचला सप्तमी 19 फरवरी को है. इसका शुभ मुहूर्त 18 फरवरी को सुबह 08:17 बजे से शुरू हो रहा है जो 19 फरवरी को दिन में 10:58 बजे तक रहेगा.

पूजा का महत्व

कथाओं के अनुसार बताया जाता है कि सूर्य आपने सात घोड़ों के रथ के साथ माघ महीने की सप्तमी को अवतरित हुए थे. इसलिए एस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है. वहीं इसे सूर्य जयंती के तौर पर भी मनाया जाता है.

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