Postpartum Physical Intimacy: शादीशुदा जीवन में शारीरिक संबंध महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन कुछ महिलाओं में बच्चे के जन्म या गर्भावस्था के बाद इसकी इच्छा कम हो जाती है. बीबीसी उर्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार, रियलिटी टीवी स्टार और फिटनेस कोच हौली ब्लैथ के साथ भी ऐसा हुआ जब उनका बेटा पैदा हुआ. हौली बताती हैं कि “मुझे ऐसा लग रहा था कि मुझे फिर कभी छूना भी नहीं चाहिए.” शारीरिक संबंध विशेषज्ञ राचेल गोल्ड का कहना है कि “कुछ लोग सोचते हैं कि छह सप्ताह बाद शारीरिक संबंध शुरू करना ठीक है, लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता.”

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कम होने लगी इच्छा

हौली के अनुसार 2023 में उनके बेटे के जन्म के बाद उनकी शारीरिक संबंध की इच्छा कम होने लगी थी और उन्होंने हर तरह की शारीरिक निकटता से दूरी बनानी शुरू कर दी. कभी-कभी जब वह अपने पति को छूतीं या गले लगातीं, तो उन्हें लगता कि इसके बाद शारीरिक संबंध होगा और वह ऐसा नहीं चाहती थीं.

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उन्होंने अपने पति से अपने अनुभव छिपाए नहीं. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने पति से ईमानदारी से अपनी भावनाएँ साझा कीं, जैसे कि “हम शारीरिक संबंध के बिना भी इस निकटता का आनंद ले सकते हैं,” तो सब कुछ आसान हो गया. इससे उनके ऊपर का मानसिक दबाव कम हुआ. शुरुआत में उनके पति को लगा कि उनकी पत्नी अब उन्हें पसंद नहीं करती, लेकिन हौली ने स्पष्ट किया कि ऐसा नहीं था. उन्होंने कहा, “मुझे सिर्फ उस समय शारीरिक संबंध की इच्छा नहीं थी, लेकिन मेरे विचार मेरे पति के प्रति नहीं बदले.”

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

डॉक्टर जेनिफर लिंकन के अनुसार बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं में शारीरिक संबंध से दूरी बनना सामान्य है. इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे कि गर्भाशय और वजाइना में चोट का ठीक होना और हार्मोन में बदलाव. एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होने से शारीरिक परिवर्तन होते हैं, जैसे वजाइना में दिक्कत, जो शारीरिक संबंध को दर्दनाक बना सकती है. ये बदलाव केवल महिलाओं में नहीं होते. कुछ पुरुष साथी भी बच्चे के जन्म के बाद शारीरिक संबंध से दूरी बना लेते हैं. फ्रेंकी का अनुभव भी ऐसा ही था, जहां उनके पति ने बच्चे के जन्म के बाद शारीरिक संबंध से दूरी बनाई. एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसे समय में सबसे जरूरी है कि पति-पत्नी एक-दूसरे से खुलकर बात करें. अगर शारीरिक संबंध तकलीफदेह है तो इनकार करना चाहिए. यदि आप मन से तैयार नहीं हैं और ‘ठीक है’ कह देते हैं, तो इससे नकारात्मक प्रभाव पैदा हो सकते हैं.

इन बातों का रखें ध्यान

हार्मोनल बदलाव और वजाइना में दर्द के कारण लुब्रिकेंट या अन्य सुरक्षित उपायों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा एक-दूसरे के साथ शांतिपूर्वक समय बिताना और मानसिक रूप से तैयार होना भी बहुत जरूरी है. यदि महिलाओं को अधिक तकलीफ हो रही है तो चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए और अपनी समस्याएं खुलकर बतानी चाहिए. ये सुझाव NHS की तरफ से प्रदान किए गए हैं और मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के लिए मददगार साबित होते हैं.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.