Social Media Impact On Relationships: इंदौर में हाल के दिनों में शादियों के रद्द होने के मामलों ने सबका ध्यान खींचा है. दैनिक भास्कर की 10 नवंबर की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 40 दिनों में शहर में कम से कम 150 शादियां टूट गईं. हैरानी की बात यह है कि इनमें से करीब 62 प्रतिशत मामलों में वजह सोशल मीडिया से जुड़ी गतिविधियां रहीं, जो आज के डिजिटल दौर में रिश्तों पर इसके गहरे असर को दिखाती हैं.
शादी को जीवन का एक अहम और खुशी भरा पड़ाव माना जाता है. सगाई, रस्में और समारोहों के साथ नई शुरुआत के सपने बुने जाते हैं. लेकिन इंदौर में सामने आए ये मामले बताते हैं कि आखिरी वक्त पर भी हालात पूरी तरह बदल सकते हैं और महीनों की तैयारियां पल भर में बेकार हो सकती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी संख्या में शादियां पुराने सोशल मीडिया पोस्ट के सामने आने के बाद रद्द हुईं. खासकर पूर्व रिश्तों से जुड़े फोटो, मैसेज या पोस्ट को लेकर विवाद बढ़ा और बात शादी तोड़ने तक पहुंच गई. कई मामलों में दोनों पक्षों के बीच भरोसे की कमी सामने आई.
स्मृति मंधाना का भी मामला
ऐसा ही एक हाई-प्रोफाइल मामला तब सुर्खियों में आया, जब भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उपकप्तान स्मृति मंधाना और इंदौर के संगीतकार पलाश मुच्छल की शादी ऐन वक्त पर रद्द हो गई. इस घटना ने यह साफ किया कि आखिरी समय पर शादी टूटना अब असामान्य नहीं रह गया है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सोशल मीडिया के अलावा कुछ शादियां पारिवारिक कारणों से भी रद्द हुईं. इनमें परिवार में मौत या दुर्घटना, आपसी मतभेद और अन्य परिस्थितियां शामिल हैं, लेकिन ऐसे मामलों की संख्या सोशल मीडिया से जुड़े कारणों की तुलना में कम रही.
शादी से पहले सोशल मीडिया को लेकर क्या काम करें?
सच पहले ही साफ रखेंपुराने रिश्तों, दोस्ती या किसी संवेदनशील सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कुछ भी छुपाने के बजाय शुरुआत में ही सच बता दें. देर से सामने आई बात अक्सर शादी टूटने की वजह बनती है.
सोशल मीडिया की पूरी सफाई नहीं, समझदारी जरूरीहर पोस्ट डिलीट करना समाधान नहीं है। जो बातें गलत मतलब निकाल सकती हैं, उन्हें प्राइवेट करें और जरूरी चीजों पर पार्टनर से बात करें.
भरोसे की नींव मजबूत करेंशादी से पहले एक-दूसरे के फोन, सोशल मीडिया या पास्ट को लेकर जरूरत से ज्यादा शक न रखें भरोसा होगा तो पुरानी बातों से रिश्ता नहीं टूटेगा.
गुस्से में फैसले न लेंकोई पोस्ट या मैसेज दिखे तो तुरंत शादी तोड़ने का फैसला न करें. पहले पूरी बात समझें, फिर शांत दिमाग से निर्णय लें.
एक-दूसरे को बदलने की कोशिश न करेंहर इंसान का एक अतीत होता है. शादी से पहले उसे स्वीकार करना सीखें, क्योंकि रिश्ता कंट्रोल से नहीं, समझ से चलता है.
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