शादी लाइफ का सबसे बड़ा और अहम फैसला होती है. यह सिर्फ दो लोगों का रिश्ता नहीं, बल्कि दो सोच, दो परिवार और दो अलग-अलग जिंदगियों का एक साथ आना होता है. अक्सर लोग शादी की तैयारियों में इतने बिजी हो जाते हैं कि रिश्ते की बुनियाद पर ध्यान देना भूल जाते हैं. सुंदर कपड़े, बड़ी पार्टी और रस्मों के बीच कई जरूरी बातें अनकही रह जाती हैं, जो आगे चलकर परेशानी का कारण बनती हैं.
कई बार शादी के कुछ समय बाद ही यह एहसास होने लगता है कि काश ये बातें पहले ही साफ कर ली होती. ऐसे में रिश्ते में तनाव, गलतफहमियां और झगड़े बढ़ने लगते हैं. इसलिए चाहे लव मैरिज हो या अरेंज मैरिज, शादी से पहले एक-दूसरे से खुलकर बात करना बहुत जरूरी है. खासतौर पर आर्थिक स्थिति, भविष्य की योजनाएं, परिवार की उम्मीदें, करियर, बच्चे और लाइफस्टाइल जैसे विषय अगर पहले ही साफ हों, तो शादी के बाद रिश्ते में स्थिरता और समझ बनी रहती है.
शादी करने जा रहे हैं तो जरूर चेक कर लें ये चीजें
1. जीवन के लक्ष्य एक जैसे हैं या नहीं - शादी से पहले यह समझना बहुत जरूरी है कि आप दोनों जीवन में क्या चाहते हैं. क्या आप करियर को प्राथमिकता देना चाहते हैं, क्या आप बच्चों को लेकर एक जैसी सोच रखते हैं, भविष्य में कहां रहना चाहते हैं .अपने शहर में या किसी और जगह. अगर आपके और आपके पार्टनर के सपने और लक्ष्य बहुत अलग हैं, तो आगे चलकर समझौते मुश्किल हो सकते हैं.
2. एक-दूसरे के विचारों का सम्मान - एक अच्छा रिश्ता वही होता है जहां दोनों लोग एक-दूसरे की भावनाओं, सोच और फैसलों की इज्जत करते हों. अगर शादी से पहले ही किसी की बातों को नजरअंदाज किया जा रहा है या उसकी आजादी पर सवाल उठ रहे हैं, तो यह एक चेतावनी हो सकती है.
3. सैलरी और खर्चों को लेकर - आज के समय में ज्यादातर कपल्स कामकाजी होते हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आपकी और आपके पार्टनर की आय कितनी है, हर महीने के खर्चे कितने हैं, सेविंग्स की आदत कैसी है और सैलरी बढ़ा-चढ़ाकर बताना या खर्च छुपाना रिश्ते की शुरुआत में ही विश्वास को कमजोर कर देता है.
4. लोन और कर्ज की सच्चाई - अगर आपके ऊपर कोई एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन या होम लोन है, तो शादी से पहले इसके बारे में साफ-साफ बता देना चाहिए. ईएमआई छोटी लग सकती है, लेकिन हर महीने उसे निभाना आसान नहीं होता है. साथ ही यह भी जानना जरूरी है कि क्या परिवार पर भी कोई बड़ा लोन है. शादी के बाद नई आर्थिक जिम्मेदारियां कैसे संभाली जाएंगी.
5. लेन-देन और आर्थिक मदद को लेकर - शादी के बाद अक्सर रिश्तेदारों या परिवार के किसी सदस्य को आर्थिक मदद करनी पड़ सकती है. अगर पहले से यह तय नहीं होगा कि ऐसी मदद करनी है या नहीं, करनी है तो किस हद तक तो यह बाद में झगड़े की वजह बन सकता है.
6. पर्सनल सेविंग्स को लेकर - विश्वास जरूरी है, लेकिन हर बात तुरंत बताना भी जरूरी नहीं, आपकी निजी बचत और भविष्य की प्लानिंग आपकी अपनी हो सकती है. जैसे-जैसे रिश्ता मजबूत होता है, वैसे-वैसे इन बातों पर चर्चा की जा सकती है. यह जरूरी है कि दोनों यह समझें कि पर्सनल सेविंग्स पर व्यक्ति का अधिकार रहेगा और हर पैसे का हिसाब देना जरूरी नहीं है.
7. स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी - अगर किसी को कोई पुरानी बीमारी या विशेष स्वास्थ्य जरूरत है, तो इसे छुपाने के बजाय पहले ही बता देना बेहतर होता है.
8. लाइफस्टाइल - खान-पान, घूमना-फिरना, सोशल लाइफ और दिनचर्या. इन सब बातों में अगर बहुत ज्यादा फर्क है, तो आगे चलकर एडजस्टमेंट मुश्किल हो सकता है.
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