सेक्सुअल हेल्थ का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. सेक्शुअल ऑर्गन्स से जुड़ा कोई भी इन्फेक्शन पकड़ में भी देर से आता है और नुकसान भी ज्यादा पहुंचा सकता है. इसका पहला जरूरी स्टेप है अपने प्राइवेट पार्ट्स की सफाई करना. क्योंकि थोड़ी सी भी गंदगी यहां कीटाणुओं को पनपने के लिए काफी है. इसलिए चिकित्सक इन अंगों को पानी से स्वच्छ रखने की सलाह देते हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि इसके लिए विज्ञापनों पर आंख मूंदकर रासायनिक उत्पादों का उपयोग न करें, क्योंकि इनमें मौजूद कैमिकल आपके अंगों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं.


सेक्सुअल रिलेशन बनाने से पहले बरतें ये सावधानियां


इंटरकोर्स से पहले और बाद में भी खुद को साफ करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बॉडिली लिक्विड फ्लूड से जुड़े संक्रमण के जोखिमों को कम करता है. इसके लिए आप गुनगुने पानी और हल्के साबुन का उपयोग करके स्नान कर सकते हैं.


कई महिलाएं अपनी योनि को साफ रखने के लिए वाउचिंग का विकल्प चुनती हैं. ये ठीक नहीं है. क्योंकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, योनि का सामान्य पीएच स्तर गड़बड़ा जाता है और अन्य स्वास्थ्य जोखिम भी पैदा हो सकते हैं. योनि स्वयं अपनी सफाई करने में सक्षम है. यदि आवश्यक हो तो इसे साफ करने के लिए सादा पानी अच्छा रहेगा.


सेक्स के तुरंत बाद बाथरूम जाकर यूरिन पास  करें. पेशाब करने से उन कीटाणुओं को बाहर निकालने में मदद मिलती है जिन्हें शरीर में प्रवेश करने का मौका मिल सकता है. चाहे आप और आपका साथी कितने भी साफ-सुथरे क्यों न हों, कीटाणुओं का संक्रमण हमेशा बना रहता है.


​यदि आप सेक्स टॉयज का उपयोग कर रहे हैं तो उन्हें साफ करें. क्योंकि खुद को स्वस्थ रखना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी बाकी चीजों को साफ रखना भी है.
यदि आप सेक्स टॉयज का उपयोग कर रहे हैं, तो प्रत्येक उपयोग के बाद उन्हें साफ करना सुनिश्चित करें. इन्हें तुरंत साफ किए बिना न रखें.


संभोग के कई दौर के लिए, उतने कंडोम का उपयोग करना याद रखें. और जब आप सेक्स के प्रकार बदलते हैं तब भी कंडोम बदलना न भूलें. एक ही कंडोम का उपयोग करने से न केवल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है बल्कि उनके उपयोग का उद्देश्य भी ख़त्म हो जाता है.


सबसे जरूरी असामान्य संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें, चाहे वे कितने भी हल्के क्यों न लगें. क्योंकि प्रत्येक संक्रमण हल्के लक्षणों से शुरू होता है और जब इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाता है तो रोग गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है. निजी क्षेत्रों में चकत्ते, खुजली और जलन जैसे लक्षणों पर ध्यान देना और जल्द से जल्द चिकित्सा उपचार लेना हमेशा महत्वपूर्ण होता है.