नई दिल्लीः उम्र बढ़ने के साथ त्वचा के नीचे मौजूद टिश्यूज से फैट कम होने लगता है. इसके साथ ही हानिकारक यूवी रेज़ और प्रदूषण की वजह से होने वाले नुकसान के कारण रेखाओं और झुर्रियों के साथ त्वचा की चमक खो जाती है जिसके कारण वृद्ध और थके हुए नजर आते हैं.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
पीआरपी थेरेपी के जरिये त्वचा के खोए हुए टेक्सचर, टोन और प्राकृतिक चमक वापस पाने में मदद मिलती है. अपोलो अस्पताल के कॉस्मेटिक प्लास्टिक सर्जन एवं एंड्रोलोजिस्ट अनूप धीर ने कहा कि पीआरपी (प्लेटलेट-रीच प्लाज्मा) थेरेपी में त्वचा को नया रूप देने के लिए प्लेटलेट और प्लाज्मा (रक्त के भीतर मौजूद तत्व) की थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है.


कैसे की जाती है ये थेरेपी-
यह एक साधारण प्रक्रिया है और एक से दो घंटे के वक्त में की जा सकती है. लोकल एनेस्थेटिक क्रीम को चेहरे या जिस भी हिस्से का इलाज किया जाना है, वहां लगाया जाता है और उसे करीब 1 घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है. इसी बीच हाथ की बड़ी नसों में से एक में से 10-20 मिली ब्लड निकाला जाता है और रेड ब्लड सेल्स और अन्य में से प्लेटलेट्स और प्लाज्मा को अलग करने के लिए केंद्रित किया जाता है.


उन्होंने कहा कि प्लेटलेट और प्लाज्मा युक्त इस फ्लूड को बहुत ही बारीक सूई का इस्तेमाल कर त्वचा के भीतर डाल दिया जाता है. इससे प्लेटलेट के वृद्धि के कारक और साइटोकींस में तेजी आती है जिससे सुधार की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है और कोलाजन बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है.


कैसे काम करती है ये थेरेपी-
कोलाजन त्वचा की मदद करता है और बारीक लकीरों और झुर्रियों में सुधार होता है. सुधार की प्रक्रिया से रक्त प्रवाह, त्वचा की टोन और टेक्स्चर बेहतर होता है और त्वचा को सेहतमंद और युवा चमक मिलती है.


पीआरपी थेरेपी एक से अधिक बार की जाती है और सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने के लिए इसकी सलाह दी जाती है.


इन बातों का ध्यान रखना होता है जरूरी-
प्रक्रिया के बाद त्वचा को मामूली रूप से कुछ नुकसान देखने को मिल सकता है. अच्छी तरह सुधार के लिए त्वचा को कुछ दिनों तक सूर्य की रोशनी से बचाना महत्वपूर्ण है. फैक्टर 50 सनब्लॉक क्रीम का इस्तेमाल लाभदायक साबित हो सकता है.


नोट: ये एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.