Parenting Advice: इकलौते बच्चों की परवरिश करना आसान नहीं होता है. माता-पिता उन्हें बेहतर इंसान बनाने के लिए हर वो चीज करते हैं, जो जरूरी  होता है. कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि इकलौते बच्चे लाड़-प्यार में बिगड़ने लगते हैं. कुछ तो समय से पहले ही मेच्योर बिहेव करने लगते हैं. उनका बचपना और मासूमियत उम्र के हिसाब से दिखनी बंद हो जाती है, तो फिर लोग माता-पिता की ​पैरेंटिंग (Parenting) पर सवाल उठाने लगते हैं. इकलौते बच्चों को जहां पैंपरिंग की जरूरत होती है, वहीं उनकी गलतियों पर समझाने और अच्छे कामों पर तुरंत तारीफ करने की जरूरत भी होती है. जानें कि इकलौते बच्चे की पैंरेंटिंग (Parenting Tips) के दौरान किन बातों का ख्याल रखना चाहिए...

 

मेल-मिलाप में बढ़ाएं दिलचस्पी

बच्चे अक्सर अपने कंफर्ट जोन से बाहर जाकर लोगों से दोस्ती करने में या बात करने में हिचकते हैं. ऐसे में अपने बच्‍चे को उसके कंफर्ट जोन से बाहर निकालें, ताकि वो अपनी उम्र के अन्य बच्चों के साथ खेले, बातें करें. इसके लिए, उसे डांस, स्‍वीमिंग,म्‍यूजिक, आर्ट वगैरह की क्‍लास में भी भेजा जा सकता है.

 

शुरू से ही सिखाएं ये बातें

इकलौते बच्चों को उनके माता-पिता अक्सर पैंपर करने के दौरान कई चीजें टाइम पर सिखाना भूल जाते हैं. ऐसे में बच्चे के मानसिक विकास पर भी असर पड़ता है. बच्चों को मोरल वैल्यूज के बारे में शुरू के ही सिखाना चाहिए. कपड़े उतार कर कहां रखने हैं, बड़ों का सम्मान करना चाहिए, लोगों की मदद करनी चाहिए. उनके किसी कठिन काम में फसने पर वहां से खुद निकलने की कोशिश करने के लिए मोरल सपोर्ट देना चाहिए.

 

बिहेवियर पर हो खास ध्यान

बच्चों पर सबसे ज्यादा असर माता-पिता का ही पड़ता है. ऐसे में बच्चे के सामने अपने व्यवहार का खास ख्याल रखें. आपसी मनभेदों को बच्चे के सामने नहीं बल्कि अलग से सुलझाने की कोशिश करें.

 

बच्चे पर न थोपें अपनी मर्जी

अपने बच्चे को उसकी मर्जी से काम करने की इजाजत दें. अपने तौर-तरीकों से बच्चे के ऊपर बिना जरूरत का दबाव न डालें नहीं तो उसकी पर्सनैलिटी पर असर भी पड़ सकता है.

 

फ्रीडम जरूरी

बच्चे को उसके मन से काम करने की आजादी भी दें. हर वक्त बच्चे के आस पास रहते हुए उसे हर काम पर टोकना अच्छी बात नहीं होती है. बच्चे को पर्सनल स्पेस मिलने से उसकी क्रिएटिविटी बेहतर बनती है.

 

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