उल्टी, बेहोशी और शरीर का लंगड़ापन ओवरडोज के कुछ लक्षण होते हैं. इसके प्रति जागरुकता फैलाने के लिए 31 अगस्त को विश्व ओवरडोज दिवस मनाया जाता है. कोविड महामारी ने न सिर्फ बेचैनी और डर बढ़ाया है बल्कि खुद से दवा लेने को भी मजबूर किया है. डॉक्टरों से मुलाकात नहीं होने पर लोग तनाव, अनिश्चितता, जीवन शैली में बदलाव और नींद की समस्या के लिए खुद से दवाई लेने लगे हैं. आम तौर पर लोग अनिद्रा के लिए वही दवाई इस्तेमाल कर रहे हैं जिसका डॉक्टरों ने उनके परिचितों को बताया है. हालांकि दवाई के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर को बताया जाना जरूरी है. लेकिन डॉक्टर को बिना बताए खुद से दवा लेने पर मात्रा का ध्यान नहीं रह पाता. मानसिक परेशानी से गुजरनेवाले भी तनाव और दर्द को कम करने की खातिर ओवरडोज की तरफ चले जाते हैं. अनिद्रा की समस्या पर जीवन शैली में बदलाव से काबू पाया जा सकता है.

हिप्नोटिक्स की अधिकता सेंट्रल नर्वस सिस्टम को धीमा कर देता है. प्रभावकारी होने के बजाए इसके हानिकारक लक्षण हो सकते हैं. प्रमुख लक्षणों में जागते हुए बेखबर होना, उल्टी, शरीर का लंगड़ापन, चेहरे का पीला होना, नाखुनों का नीला होना, अनियमित दिल की धड़कन, सांस लेने में तकलीफ, खर्राटा इत्यादी हैं.

मेडिकल ओवरडोज के संदिग्ध के साथ ये न करें

खर्राटा, गड़गड़ाना के लक्षणों को नजरअंदाज करें. ये सांस लेने में तकलीफ का लक्षण भी हो सकता है. बेहतर है ऐसे शख्स को अकेला छोड़ दें. उल्टी आने पर पीड़ित को खाना या पीना न दें.

ज्यादा दवा इस्तेमाल करनेवाले की ऐसे मदद करें

एंबुलेंस को बुलाएं

सांस लेने में अगर शख्स को दुश्वारी आ रही है तो तो CPR मुहैया कराने की तैयारी करें

अगर शख्स बेहोश हो गया है तो उसे ठीक होनेवाली स्थिति में रखें

डॉक्टर को मरीज के सेहत और ओवरडोज दवाइयों की जानकारी दें

Hypothyroidism के हैं साइड इफेक्ट्स, Diet के इस्तेमाल से पहले इन फूड्स का न करें सेवन

ब्रिटेन की वैज्ञानिक का दावा- बढ़ती आबादी और यात्रा के कारण अभी और वायरस जानवरों से इंसानों में पहुंचेंगे