क्रिसमस का नाम सुनते ही हमारे मन में क्रिसमस ट्री, गिफ्ट्स और रंगबिरंगी सजावट की तस्वीर उभर आती है. क्रिसमस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. हर साल इस त्योहार को 25 दिसंबर के दिन मनाया जाता है. इस दिन को हम ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में भी मनाते हैं.

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ऐसा माना जाता है कि ईसा मसीह का जन्म किसी ख़ास मकसद से हुआ था. उन्हें ईश्वर का वरदान भी माना जाता है. लोगों का मानना है कि भगवान ईसा मसीह का जन्म लोगों की मदद करने, उन्हें सहारा देने और सत्य की राह दिखाने के लिए हुआ थे. ऐसे में आज हम आपको ईसा मसीह के जीवन से जुड़ी अनसुनी कहानियां बताते हैं.

जीसस ने लोगों को सहित रास्ता दिखाया 

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 मैथ्यू के गॉस्पेल ने बताया कि ईसा मसीह के कई भाई-बहन थे. उनके चार भाइयों के नाम जेम्स, जोसेफ, सायमन और जुडास हैं. ईसा मसीह (जीसस) हमेशा से ही लोगों को सही रास्ता दिखाने का काम करते थे. उनका मानना था कि इस संसार में एक ही भगवान हैं और वहीं हम सब के दिलों में होते हैं. उनका कहना था कि हमें भगवान से हमेशा जुड़ाव रखना चाहिए ताकि आगे चलकर और सत्य और अहिंसा का रास्ता चुन सकें.

जीसस ने लोगों को एकजुट होकर रहने की सीख दी

ईसा मसीह ने हमेशा लोगों को एकजुट होकर रहने की सीख दी. साथ ही साथ उन्हें हमेशा भगवान के करीब रहने का रास्ता भी दिखाया. उन्होंने हमेशा लोगों को माफ करने और माफी मांगने का संदेश दिया. इसके अलावा, उन्होंने अपने हत्यारों को भी माफ़ कर दिया. उनका कहना था कि आपस में भाईचारा ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है. लोगों को हमेशा एक दूसरे की मदद करनी चाहिए.

40 दिनों तक रखा था उपवास

बाइबल के मुताबिक, जीसस ने 40 दिनों तक उपवास रखा था. आमतौर पर इतने दिनों तक उपवास कोई साधारण इंसान नहीं रख सकता है. ऐसा माना जाता है कि जीसस ने लोगों की भलाई के लिए बहुत से चमत्कार किए. वहीं, धीरे धीरे लोग भी उनकी ओर आकर्षित होते चले गए. शुरुआती दिनों में जीसस बढ़ई का काम करते थे. हालांकि बाद में चलकर वे मार्गदर्शक बनें. गौरतलब है कि जीसस मांसाहारी खाना भी पसंद करते थे.

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