Cooler Cleaing Tips: गर्मियों के बाद जब बरसात (monsoon)आता है तो सबके चेहरे खिल जाते हैं, लेकिन इसके साथ साथ सेहत को लेकर चिंता होना जायज है. दरअसल बरसात के मौसम में ठहरे हुए पानी में डेंगू (dengue)और चिकनगुनिया (chikungunya)जैसी बीमारियों को फैलाने वाले मच्छर पनपते हैं औऱ इससे ये बीमारियां तेजी से फैलती हैं. कूलर (cooler)के ठहरे हुए पानी में इन बीमारियों के मच्छरों की ब्रीडिंग होने का खतरा रहता है और इसीलिए हर साल कूलर को सही तरीके से साफ रखना जरूरी हो जाता है. आपको बता दें कि शहरों में कूलर का ठहरा हुआ पानी ही डेंगू और चिकनगुनिया की बीमारी फैलने का सबसे बड़ा कारण बताया गया है. चलिए आज जानते हैं कि मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए आपको कूलर किस तरह साफ करना चाहिए और साथ  ही ये भी जानिए कि कूलर का पानी कब चेंज करना सही रहता है. 

 

कितने दिनों में बदलना चाहिए कूलर का पानी 

अगर आप सही समय पर कूलर का पानी चेंज करते  रहेंगे तो डेंगू और चिकनगुनिया के मच्छरों की ब्रीडिंग नहीं हो पाएगी. इसके लिए बाकायदा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेबल डिजीज ने सलाह दी है कि डेजर्ट कूलर का पानी सप्ताह में एक बार जरूर बदलना चाहिए. इससे मच्छरों का लार्वा इसमें पनप नहीं पाएगा. 

 

इन तरीकों से साफ होगा वॉटर टैंक
  

कूलर का वाटर टैंक साफ करते समय जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. जैसे वाटर टैंक साफ करते वक्त आप इसे मिट्टी के तेल या किरोसीन से साफ कर सकते हैं. इसके अलावा नींबू के रस में विनेगर मिलाकर इसके पानी से वाटर टैंक को साफ करना चाहिए. कुछ लोग  लुब्रिकेंट से भी वाटर टैंक साफ करते हैं जिससे मच्छरों की ब्रीडिंग नहीं हो पाती. इसके अलावा आप चाहें तो आप डिटरजेंट पाउडर या बर्तन साफ करने वाले साबुन से भी वाटर टैंक साफ कर सकते हैं. इन तरीकों से वाटर टैंक बिलकुल क्लीन हो जाएगा और किसी भी तरह के बैक्टीरिया के बचने की संभावना नहीं रहेगी.

 

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