How To Get Rid Of Cockroaches: कॉकरोच ऐसे कीड़े हैं जो एक बार घर में घुस जाएं तो आसानी से जाने का नाम नहीं लेते. तेजी से बढ़ने की क्षमता, बेहद कम जरूरतें और छिपने की आदत इन्हें और भी मुश्किल बना देती है. इन्हें कंट्रोल करने के लिए सिर्फ स्प्रे मारना या जाल लगा देना काफी नहीं होता, बल्कि इनके व्यवहार और छुपने की जगहों को समझकर एक सही रणनीति अपनानी पड़ती है. इसी वजह से इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट यानी IPM को सबसे असरदार तरीका माना जाता है, जिसमें बेट, कीटनाशक और साफ–सफाई, तीनों का इस्तेमाल किया जाता है. रोजाना थोड़ी सी सफाई और घर के छोटे–मोटे छेद या दरारें बंद करने से दोबारा होने वाली परेशानी काफी हद तक रुक सकती है. अगर समस्या बहुत ज्यादा हो, तो प्रोफेशनल मदद लेना ही बेहतर होता है.
भारत में आम हैं कॉकरोच
भारतीय घरों में कॉकरोच सबसे आम और सबसे ज्यादा झुंझलाहट पैदा करने वाले कीटों में से हैं. रसोई चमकती रहे या घर कितना ही साफ-सुथरा क्यों न हो, ये कीड़े किसी न किसी तरह अपना ठिकाना बना ही लेते हैं. दिक्कत सिर्फ डर या गंदगी की नहीं है. कॉकरोच बैक्टीरिया फैला सकते हैं और कई लोगों में एलर्जी या अस्थमा के लक्षण भी बढ़ा सकते हैं. लोगों ने इन्हें भगाने के तरह-तरह के उपाय आजमाए हैं, लेकिन हर तरीका असरदार नहीं होता. असली समाधान तभी मिलता है जब आप समझें कि ये छिपते कहां हैं, निकलते कब हैं और इन्हें खत्म करने के सही तरीके क्या हैं.
इनको कंट्रोल करना मुश्किल
कॉकरोच को कंट्रोल करना इसलिए मुश्किल है क्योंकि ये आम कीड़ों की तरह नहीं होते. इनकी संख्या बहुत तेजी से बढ़ती है. एक अकेला कॉकरोच कुछ हफ्तों में सैकड़ों की एक कॉलोनी बना सकता है. रात के समय सक्रिय रहने की वजह से ये दिन में दिखाई नहीं देते, जबकि छोटे-छोटे छेद, नालियां और उपकरणों के पीछे बने कोनों में छिपकर बैठे रहते हैं. दिन में दिख जाना अक्सर इस बात का संकेत होता है कि घर में इनकी संख्या अब काफी बढ़ चुकी है. इन्हें बहुत कम भोजन और पानी से भी काम चल जाता है, इसलिए एक दो टुकड़ों या गीले कोनों से ही ये जिंदा रह सकते हैं.
कैसे हटाया जाता है?
ज्यादातर लोग स्प्रे, घरेलू नुस्खे या स्टिकी ट्रैप का सहारा लेते हैं, लेकिन इनसे सिर्फ थोड़ी देर की राहत मिलती है. कई बार स्प्रे उन स्थानों तक पहुंचते ही नहीं जहां असली कॉलोनियां होती हैं. इनके अंडे बच जाते हैं, जो बाद में फिर से फूटकर घर भर में फैल जाते हैं. हर घर की बनावट अलग होती है, इसलिए एक जैसा समाधान हर जगह काम नहीं करता.
एक असरदार योजना में कुछ कदम जरूरी होते हैं, हॉटस्पॉट पहचानना, बेट और जेल लगाना, ऐसे केमिकल इस्तेमाल करना जो अंडों के बनने की प्रक्रिया रोकें, बाहर से आने वाले रास्ते बंद करना और रोजमर्रा की सफाई का ध्यान रखना. इसी वजह से IPM सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि ये दिखाई देने वाले कॉकरोच ही नहीं, बल्कि छिपे हुए अंडों और कॉलोनियों पर भी असर करता है.
ये कदम भी जरूरी
इलाज के साथ-साथ रोज की आदतें भी उतनी ही जरूरी हैं, फर्श साफ रखना, खाना एयरटाइट डिब्बों में रखना, रोज कचरा फेंकना, रसोई और बाथरूम सूखे रखना और बेकार का सामान कम करना. इससे नए कीड़ों को बसने का मौका ही नहीं मिलता. कुछ हालातों में घरेलू उपाय कम पड़ जाते हैं. जैसे जब कॉकरोच दिन में नजर आने लगें, कई कमरों तक फैल जाएं या पड़ोसी घरों से लगातार आते रहें. ऐसी स्थिति में प्रोफेशनल सर्विसेज ज्यादा असरदार रहती हैं. लंबे समय तक राहत तभी मिलती है जब घर का रख-रखाव भी अच्छा हो.
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