भारतीय क्रिकेट टीम के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की तबीयत अचानक खराब हो गई. 16 दिसंबर 2025 को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) के सुपर लीग मैच में मुंबई की ओर से राजस्थान के खिलाफ खेलते वक्त यशस्वी को पेट में तेज दर्द हुआ. मैच खत्म होने के बाद उनका दर्द इतना बढ़ गया कि उन्हें पुणे के पास पिंपरी-चिंचवड़ स्थित आदित्य बिड़ला मेमोरियल हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया. आइए जानते हैं कि किस बीमारी की वजह से यशस्वी अस्पताल में एडमिट हुए और यह बीमारी कितनी खतरनाक है?
मैच के दौरान क्या हुआ?
मुंबई और राजस्थान के बीच पुणे के एमसीए स्टेडियम में मैच चल रहा था. मुंबई ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी की. यशस्वी जायसवाल ओपनिंग करने उतरे. मैच की शुरुआत में ही उन्हें पेट में ऐंठन होने लगी. इसके बावजूद वह मैदान पर डटे रहे और अजिंक्य रहाणे के साथ 41 रन की साझेदारी की. हालांकि, 16 गेंद खेलने के बाद यशस्वी आउट हो गए. मैच के बाद उनका दर्द बढ़ गया. हालत गंभीर होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया.
जांच में क्या आया सामने?
आदित्य बिड़ला मेमोरियल हॉस्पिटल, पिंपरी-चिंचवड़ (पुणे के पास) में यशस्वी को इमरजेंसी में एडमिट किया गया. वहां गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टरों की टीम ने उनकी जांच की. अल्ट्रासाउंड (USG) और सीटी स्कैन कराया गया. जांच के दौरान पेट और आंतों में सूजन पाई गई, जिसकी वजह से एक्यूट गैस्ट्रोएंटेराइटिस का पता चला. डॉक्टरों ने उन्हें दवाएं दी हैं, जिससे शरीर में पानी की कमी न हो और दर्द कम हो.
क्या है यह बीमारी और क्यों होती है?
अस्पताल के सीनियर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. अमित शर्मा ने बताया कि यशस्वी को एक्यूट गैस्ट्रोएंटेराइटिस नाम की बीमारी हुई है. यह पेट में इंफेक्शन वाली कॉमन प्रॉब्लम है, जिसे लोग अक्सर पेट का बग या उल्टी-दस्त की बीमारी कहते हैं. फिलहाल, यशस्वी की हालत स्थिर है. डॉ. शर्मा ने कहा कि यह बीमारी आमतौर पर वायरस या बैक्टीरिया से होती है और कुछ दिन में ठीक हो जाती है. उन्होंने कहा कि एथलीट्स में ऐसी समस्या जल्दी गंभीर हो सकती है, क्योंकि उनका शरीर ज्यादा मेहनत करता है. ऐसे में अस्पताल में भर्ती करना जरूरी होता है.
कितनी खतरनाक है यह बीमारी?
यह बीमारी पेट और छोटी आंत की अंदरूनी परत में सूजन पैदा करती है. ज्यादातर मामलों में यह वायरस (जैसे नोरोवायरस या रोटावायरस) से होती है. कभी-कभी दूषित खाना-पानी या बैक्टीरिया से भी हो जाती है. ज्यादातर लोगों में यह बीमारी 3-7 दिन में खुद ठीक हो जाती है. अगर डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की बहुत कमी हो जाए तो यह स्थिति खतरनाक हो सकती है. अगर समय पर इलाज हो तो यह बीमारी खतरनाक नहीं है.
ऐसे होते हैं इसके लक्षण
- पेट में तेज ऐंठन और दर्द
- उल्टी आना
- दस्त लगना (पानी जैसे)
- हल्का बुखार
- थकान और कमजोरी
- भूख न लगना
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.