Women's Health: यूं तो सेहत को दुरुस्त रखना सबके लिए प्रियारिटी होती है लेकिन अक्सर देखा जाता है कि परिवार की देख रेख करने के दौरान महिलाएं अपनी सेहत को लेकर कुछ लापरवाह हो जाती हैं. यूं भी महिलाओं की हेल्थ मर्दों की अपेक्षा ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड होती है और इसीलिए सेहतमंद रहने के लिए महिलाओं को अपनी बॉडी की ज्यादा केयर करने की जरूरत होती है. ऐसी कई बीमारियां हैं जिनकी चपेट में महिलाएं ज्यादा आती हैं. चलिए आज जानते हैं उन बीमारियों के बारे में जिनका महिलाएं सबसे ज्यादा शिकार होती हैं. 

 

महिलाओं को ज्यादा होने वाली बीमारियां 

ब्रेस्ट कैंसर 

ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं को होने वाली सबसे बड़ी और गंभीर बीमारियों में से एक है. भारत की बात करें तो यहां महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बहुत तेजी से सामने आ रहे हैं. एक अध्ययन के मुताबिक भारत की महिलाओं को होने वाले कैंसर के मामलों में सबसे ज्यादा यानी 25 फीसदी से ज्यादा मामले ब्रेस्ट कैंसर के होते हैं. इससे बचाव के लिए जरूरी है कि  तीस साल के बाद महिलाओं को साल में कम से कम दो बार ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राफी टेस्ट करवाना चाहिए. 

 

एनीमिया

एनीमिया हालांकि सामान्य बीमारी है लेकिन ये बीमारी भी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को ज्यादा शिकार बनाती है. एनीमिया में शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और खून की कमी होने पर शरीर कई सारी परेशानियों से घिर जाता है. महिलाएं चूंकि परिवार और करियर की व्यस्तता के बीच अपनी खास देखभाल नहीं कर पाती और सही से डाइट भी नहीं लेती, इसलिए महिलाएं अक्सर एनीमिया का शिकार हो जाती हैं. इससे बचने के लिए जरूरी है कि हर साल कंपलीट ब्लड काउंट करवाया जाए ताकि शरीर में हीमोग्लोबिन की सही स्थिति का पता चल सके. 

 

वैजिनाइटिस

महिलाएं अक्सर वैजिनाइटिस रोग से परेशान रहती हैं. इस बीमारी में वजाइना में इंफेक्शन हो जाता है और खुजली, जलन, असामान्य स्राव होना इसके तहत आता है. बेक्टीरियल इंफेक्शन और हाइजीन की कमी के साथ साथ यौन संचारित रोगों के चलते भी वैजिनाइटिस होने का रिस्क बढ़ जाता है. इसलिए इस संबंध में समय समय पर जांच करवानी जरूरी है. 

 

सर्वाइकल कैंसर 

सर्वाइकल कैंसर भी महिलाओं को ज्यादा होने वाली बीमारी में शुमार किया जाता रहा है. लेसेंट की एक स्टडी कहती है कि दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर के पांच मामलों में से एक भारत का है और ये ज्यादातर महिलाओं को ही होता है. इस कैंसर से बचाव के लिए जरूरी है कि पेल्विक एग्जाम  और इसके अन्य टेस्ट होते रहें. 

 

मोटापा

तेजी से बढ़ता वजन भी महिलाओं के लिए अक्सर परेशानी का सबब बन जाता है. भारत में अक्सर ऐसे मामले देखे गए हैं जहां महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह होकर बढ़ते वजन को इग्नोर कर देती हैं. यूं तो मोटापा महिलाओं और पुरुषों दोनों को परेशान करता है लेकिन पिछली कुछ स्टटीज कह रही हैं कि महिलाएं तीस से चालीस साल की उम्र के बाद इसकी चपेट में तेजी से आती हैं.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.