Stomach Bloating: खाना खाने के कुछ ही देर बाद पेट फूलना, पेट में भारीपन लगना या फिर नींद आने लगना... ये कुछ ऐसे लक्षण हैं, जो स्लो डायजेशन यानी धीमे पाचन की तरफ इशारा करते हैं. इन समस्याओं से सेहत पर तो बुरा असर पड़ता ही है, आपकी डेली लाइफ की प्रोडक्टिविटी भी कम हो जाती है. इसलिए पाचन को बूस्ट करना जरूरी है. आप चाहें तो दवाएं खाए बिना भी अपने डायजेशन को इंप्रूव कर सकते हैं और इसके लिए आपको भोजन करते समय सिर्फ इटिंग के बेसिक रूल को ध्यान में रखना है...


बिना दवाओं के पाचन कैसे बेहतर करें?


भोजन करने का बेसिक रूल 5 छोटे पॉइंट्स से मिलकर बना है. हर बार खाना खाते समय आप इन छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो बिना दवाओं के ही आपका डायजेशन इंप्रूव हो जाएगा...


1. एक जगह बैठकर भोजन करें


खाना खाते समय एक जगह पर बैठकर भोजन करें. खड़े होकर भोजन करना सेहत के लिए किसी भी तरह से लाभकारी नहीं होता है. जब भी घर में हों तो प्रयास करें कि जमीन पर बैठकर पालथी लगाकर पारंपरिक भारतीय स्टाइल में भोजन करें.


2. मन को शांत रखें


ये बात आपको अजीब लग सकती है कि शांत मन का डायजेशन से क्या लेना-देना. लेकिन  भोजन करते समय मन का शांत होना सीधे तौर पर पाचन से जुड़ा है. क्योंकि शांत मन से जब आप भोजन करते हैं तो शरीर में भोजन को पचाने और डायजेशन को बूस्ट करने के लिए जरूरी हॉर्मोन्स का सीक्रेशन सही से होता है और अम्ल-क्षार (Acid- Alkali) का संतुलन बना रहता है.


3. दांतों का काम आंतों से ना लें
फूड को हमेशा धीरे-धीरे और अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए. सही पाचन के लिए एक कोर को 32 बार चबाने की सुझाव आयुर्वेद में दिया गया है. हालांकि हम जानते हैं कि ऐसा करना आज के समय में हर किसी के लिए संभव नहीं हैं. लेकिन आप भोजन को सही से चबाकर जरूर खाएं ताकि पिसा हुआ और सॉफ्ट फूड आंतों में पहुंचे और आपकी आंतों को दांतों का काम ना करना पड़े यानी भोजन पीसने में अधिक मेहनत ना करनी पड़े. ऐसा करने से भी डायजेशन बूस्ट होगा.


4. दिमाग को समय चाहिए


आप जो भी खाते हैं, उस फूड को रजिस्टर करने में, उसकी सही मात्रा और न्यूट्रिशन इत्यादि को सही तरीके से समझने में मस्तिष्क को 20 मिनट का समय लगता है. तभी आपका ब्रेन आपको सिग्नल दे पाता है कि बस अब और नहीं चाहिए. लेकिन जब आप बहुत जल्दी-जल्दी, टीवी या मोबाइल देखते हुए भोजन करते हैं तो जब तक दिमाग आपको जरूरत पूरी होने का सिग्नल देता है, तब तक आप ओवर इटिंग कर चुके होते हैं.


5. एंजाइम्स और सेंसेज का यूज 


फूड को सही से चबाने के दौरान मुंह में बनने वाले एंजाइम्स इसे पचाने में बहुत मदद करते हैं. साथ ही जब आप अपने सभी सेंसेज यानी इंद्रियों यानी देखना, सूंघना, अनुभव करना, स्वाद लेना इत्यादि के साथ भोजन को खाते हैं तो शरीर इस भोजन से मिलने वाले पोषक तत्वों को अच्छी तरह सोख पाता है और इससे भी डायजेशन इंप्रूव होता है.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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