दिल्ली सरकार द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में जन्म दर 2021 में 13.1 प्रति हजार जनसंख्या से बढ़कर 2022 में 14.2 हो गई. जबकि मृत्यु दर 2021 में 8.3 प्रति हजार जनसंख्या से घटकर पिछले साल 6.1 हो गई, जब कोविड महामारी अपने चरम पर थी. वार्षिक रिपोर्ट पर दिल्ली नगर निगम में अस्पताल प्रशासन के पूर्व निदेशक अरुण यादव ने कहा, "इस वर्ष जन्म के समय लिंग अनुपात के आंकड़ों में मामूली गिरावट देखी गई है, लेकिन यह एक साल की तुलना है.


पिछले पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो बेहतर है.''दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने इसी तरह की टिप्पणी की, "यह लिंगानुपात में बहुत छोटी गिरावट है. हम उन लोगों को पूरी तरह से खारिज नहीं कर सकते हैं जो पहला बच्चा बेटा होने पर दूसरा बच्चा नहीं चुनते हैं. रिपोर्ट से पता चला कि दिल्ली में प्रति दिन औसत जन्मों की संख्या 2021 में 745 से बढ़कर 2022 में 823 हो गई. पंजीकृत कुल जन्मों में से 1,55,670 (51.8%) पुरुष थे और 1,44,581 (48.1%) थे. महिलाओं की, जबकि 99 जन्मों को 'अन्य' श्रेणी से संबंधित माना गया है.


बुनियादी स्थिति में सुधार


जन्म दर में वृद्धि को समझाते हुए अरुण यादव ने कहा, "स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी स्थिति में सुधार, उपलब्धता बेहतर टीकों और औषधियों की. लोग नौकरी के कारण दूसरे शहर से यहां आते हैं. मौत दर में कमी स्पष्ट थी, यादव ने कहा, "2021 को देखते हुए एक महामारी वर्ष था और यहने शहर को बुरी तरह प्रभावित किया है."


कम उम्र में बच्चे को जन्म


रिपोर्ट में कहा गया है कि 2.23 प्रतिशत महिलाओं ने 19 साल या इससे कम उम्र में बच्चे को जन्म दिया. 2022 में शिशु मृत्यु दर (प्रति हजार जीवित जन्म पर) 23.82 रही, जो 2021 में 23.60 थी. मातृ मृत्यु दर (प्रति हजार जीवित जन्म) 2022 में 0.49 रही, जो 2021 में 0.44 थी.


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