Why Is Belly Fat Hard to Lose: 30 की उम्र के बाद बहुत-से लोग एक ही सवाल से परेशान रहते हैं कि न डाइट बदली, न वर्कआउट छोड़ा, फिर भी पेट निकलने क्यों लगता है? इस आम लेकिन उलझन भरे सवाल पर कैलिफोर्निया में प्रैक्टिस कर रहे, एम्स, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड से ट्रेंड गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट Dr Saurabh Sethi ने वजह साफ शब्दों में समझाई है. उनका कहना है कि 30 के बाद शरीर में ऐसे बदलाव शुरू हो जाते हैं, जो बाहर से दिखते नहीं, लेकिन असर सीधा पेट की चर्बी पर पड़ता है. उम्र बढ़ने के साथ मसल्स धीरे-धीरे कम होने लगती हैं. मसल्स जितनी कम होंगी, शरीर उतनी ही कम कैलोरी जलाएगा. इसका सीधा मतलब है कि वही खाना, जो पहले नुकसान नहीं करता था, अब फैट में बदलने लगता है.

Continues below advertisement

30 के बाद पेट क्यों निकलता है?

मसल्स सिर्फ ताकत के लिए नहीं होतीं, बल्कि ब्लड शुगर को संभालने में भी उनकी बड़ी भूमिका होती है. जब मसल मास घटता है, तो शुगर लंबे समय तक खून में बनी रहती है और आखिरकार पेट के आसपास फैट के रूप में जमा होने लगती है. यही वजह है कि 30 के बाद बेली फैट तेजी से दिखने लगता है. इसके साथ ही उम्र के साथ इंसुलिन सेंसिटिविटी भी कम होती जाती है. यानी शरीर कार्बोहाइड्रेट को पहले जितनी आसानी से नहीं संभाल पाता. नतीजा यह होता है कि वही रोटी, चावल या मीठा अब पहले से ज्यादा फैट स्टोर कराने लगता है, खासतौर पर कमर के आसपास.

Continues below advertisement

 

हार्मोनल बदलाव इस पूरी प्रक्रिया को और तेज कर देते हैं. ग्रोथ हार्मोन, टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन का स्तर धीरे-धीरे गिरता है, जबकि तनाव से जुड़ा हार्मोन कॉर्टिसोल बढ़ने लगता है. यह संतुलन शरीर को अंदरूनी पेट की चर्बी यानी विसरल फैट जमा करने की ओर ले जाता है, जो सबसे ज्यादा नुकसानदेह मानी जाती है. यह समस्या उन लोगों में ज्यादा गंभीर हो जाती है, जिन्हें फैटी लिवर, प्रीडायबिटीज, डायबिटीज या हाई ट्राइग्लिसराइड्स की शिकायत होती है. ऐसे मामलों में इंसुलिन रेजिस्टेंस और सूजन बढ़ जाती है, जिससे पेट और लिवर के आसपास फैट तेजी से जमा होता है. उम्र के साथ लाइफस्टाइल भी बदलती है. फिजिकल एक्टिविटी कम होना, बैठकर काम करना, तनाव, नींद की कमी और अनियमित खानपान ये सभी बेली फैट को बढ़ावा देते हैं. कुछ लोगों में जेनेटिक कारण भी पेट की चर्बी बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. 

पेट की चर्बी को कैसे कम करें?

बेली फैट कंट्रोल करने के लिए एक्सपर्ट्स की सलाह है कि डाइट में पर्याप्त प्रोटीन शामिल किया जाए, नियमित स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की जाए और रोज़ाना एक्टिव रहना जरूरी है. इसके साथ ही 7 से 8 घंटे की नींद और प्रोसेस्ड फूड से दूरी हार्मोन बैलेंस बनाए रखने में मदद करती है. कुल मिलाकर, 30 के बाद बढ़ता बेली फैट अचानक नहीं आता. यह शरीर के अंदर चल रहे धीरे-धीरे बदलावों का नतीजा होता है, जिसे सही डाइट, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल से काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें- घुटना ट्रांसप्लांट कराने जा रहे हैं? जानिए खर्च से लेकर 5 जरूरी बातें

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.