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Gen Z और मिलेनियल्स पर बढ़ता तनाव, नौकरी की दिक्कतें और पैसों की टेंशन बनी बड़ी वजह

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कविता गाडरी   |  16 Nov 2025 01:52 PM (IST)

नौकरी का दबाव भी युवाओं को परेशान कर रहा है. डेलॉइट के सर्वे के मुताबिक, जो लोग अक्सर तनाव महसूस करते हैं उनमें 36% जेन जी और 33% मिलेनियल्स ने कहा कि उनकी जॉब ही उनके तनाव की बड़ी जड़ है.

तनाव में क्यों जी रहे जेन-जी?

आज के बदलते दौर में जेन जी और मिलेनियल्स के बीच भी तनाव लगातार बढ़ रहा है. डेलॉइट के एक नए सर्वे के अनुसार, युवा पीढ़ी को सबसे ज्यादा टेंशन पैसों और रोजमर्रा के खर्चों को लेकर है. कई युवाओं को लगता है कि उनका आर्थिक भविष्य सुरक्षित नहीं है और यही बात उनके तनाव की सबसे बड़ी वजह बन रही है. इसके अलावा जेन जी और मिलेनियल्स का तनाव काम की वजह से भी लगातार बढ़ रहा है.

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डेलॉइट के इस सर्वे में 44 देश के 23,000 लोगों ने हिस्सा लिया है जिसमें 14,468 जेन जी और 8,853 मिलेनियल्स शामिल थे. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं की जेन जी और मिलेनियल्स का तनाव क्यों बढ़ रहा है और नौकरी और टेंशन उनके बढ़ते तनाव की बड़ी वजह क्यों मानी जा रही है. काम भी बना तनाव की बड़ी वजह पैसों के अलावा नौकरी का दबाव भी युवाओं को परेशान कर रहा है. डेलॉइट के इस सर्वे के मुताबिक, जो लोग अक्सर तनाव महसूस करते हैं उनमें 36 प्रतिशत जेन जी और 33 प्रतिशत मिलेनियल्स ने कहा कि उनकी जॉब ही उनके तनाव की सबसे बड़ी जड़ है. दरअसल, लंबे काम के घंटे, काम को सरहाना न मिलना और ऑफिस का अनफेयर माहौल यह सब मिलकर तनाव बढ़ा रहे हैं. इस सर्वे में यह सामने आया है कि कई लोग अब भी दिनभर एंग्जायटी और तनाव में रहते हैं. कोरोना के बाद बर्नआउट, अनिश्चिता और थकान जैसी चुनौतियां बनी हुई है. वहीं यह बातें अब भी मेंटल हेल्थ को प्रभावित करती है. काम की जगह बात रखने से डरते हैं युवा इस सर्वे में एक बड़ी चिंता यह भी सामने आई है कि कई युवा अपनी समस्या ऑफिस में बताने से डरते हैं. एक तिहाई से ज्यादा जेन जी बताते हैं कि उन्हें डर रहता है कि अगर उन्होंने आवाज उठाई तो इसका बुरा असर उनकी नौकरी पर पढ़ सकता है. वहीं जो लोग पहले से ज्यादा तनाव में है उनमें यह डर और बढ़ जाता है. इस सर्वे के अनुसार 62 प्रतिशत जेन जी और 61 प्रतिशत मिलेनियल्स काम की दिक्कत बताने से हिचकिचाते हैं. वहीं सर्वे के अनुसार 60 प्रतिशत से ज्यादा तनाव ग्रस्त युवाओं को लगता है कि उनकी कंपनी ठीक से काम नहीं कर रही . उन्हें पारदर्शिता, फैसलों और ऑफिस कल्चर को लेकर शिकायतें हैं. इससे युवाओं और कंपनियों के बीच दूरियां और ज्यादा बढ़ रही है. युवाओं में बढ़ रहा अकेलापन डेलॉइट की तरफ से किए गए इस सर्वे के अनुसार हर तीसरा जेन जी खुद को अकेला महसूस करता है. वहीं जिन युवाओं में तनाव ज्यादा है उनमें यह संख्या 60 प्रतिशत से भी ज्यादा है. वहीं इस सर्वे के अनुसार हाइब्रिड और वर्क फ्रॉम होम काम के बाद भी इस अकेलेपन की समस्या खत्म नहीं हो रही है. इसके अलावा करीब 30 प्रतिशत जेन जी का कहना है कि उन्हें लगता है कि उनका काम किसी काम का नहीं है. इससे उन्हें काम में दिलचस्पी कम होती जा रही है और मेंटल रूप से थकान बढ़ रही है. इसके अलावा कई युवाओं को ऑफिस में हर छोटी बात पर कंट्रोल किया जाना पसंद नहीं आता है. वहीं माइक्रो मैनेजमेंट उनके तनाव, थकान और काम की एक्साइटमेंट को काफी कम कर देता है. मेंटल हेल्थ सपोर्ट बढ़ा लेकिन लोग इसका कम यूज कर रहे इस सर्वे के अनुसार कई कंपनियों ने अब मेंटल हेल्थ से जुड़े सपोर्ट देना शुरू कर दिए हैं. जैसे कंपनियों ने अपने एंप्लॉय के लिए काउंसलिंग, वैलनेस प्रोग्राम और हेल्पलाइन शुरू की है. लेकिन इनका इस्तेमाल करने वाले युवा अभी कम है. वहीं जो लोग ज्यादा तनाव में है उनमें से सिर्फ 46 प्रतिशत जेन जी और 48 प्रतिशत मिलेनियल्स इप प्रोग्राम में भाग लेते हैं. वहीं डब्ल्यूएचओ के अनुसार हर साल डिप्रेशन और एंग्जायटी की वजह से दुनिया में 12 अरब काम के दिन बर्बाद हो जाते हैं. इससे साफ है कि मेंटल हेल्थ सिर्फ व्यक्तियों पर नहीं बल्कि इकोनॉमी पर भी असर डालती है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Published at: 16 Nov 2025 09:11 AM (IST)
Tags: gen z stress reasons millennials stress factors job pressure issues
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