हार्ट अटैक भारत में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है. वर्तमान में देश में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या में लगातार बढ़ हो रही है. 25 से 45 आयु वर्ग के युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो एक गंभीर चिंता का विषय है. अब यह सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गया है. जिम में व्यायाम करते समय, डांस करते समय कई ऐसी खबरें सामने आ चुकी है. अभी गुजरात में गरबा खेलते समय कई लोगों की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई. ये घटनाएं संकेत देती हैं कि खराब लाइफस्टाइल और तनाव युवाओं के लिए भी हार्ट अटैक को बढ़ावा दे रहे हैं. 


हार्ट अटैक आने के बाद जानें क्या करना चाहिए
हार्ट अटैक आने के बाद सबसे पहले व्यक्ति को शांत जगह पर लेटाएं. अचानक कोई बेहोश हो गया है तो सबसे पहले तुरंत उस व्यक्ति की नब्ज चेक करें. अगर नब्ज बिल्कुल नहीं महसूस हो रही है तो समझ लें कि व्यक्ति को हार्ट अटैक पड़ा है. क्योंकि हार्ट अटैक में दिल की धड़कन रुक जाती है, इसलिए नब्ज नहीं मिल पाती.ऐसे दो से तीन मिनट के अंदर उसके हार्ट को रिवाइव करना जरूरी होता है, नहीं तो ऑक्सीजन के कमी के चलते उसका ब्रेन डैमेज हो सकता है. ऐसे में हार्ट अटैक आने पर तुरंत सीने पर जोर-जोर से मुक्का मारें. तब तक मारे जब तक वब होश में नहीं आ जाता है. इससे उसका दिल फिर से काम करना शुरू कर देगा. 


बिहोश व्यक्ति को तुरंत सीपीआर दें 
अगर कोई बिहोश हो गया है और उसका नब्ज नहीं चल रहा है तो उसको तुरंत अपने हाथ से सीपीआर दें. सीपीआर में मुख्य रूप से दो काम किए जाते हैं. पहला छाती को दबाना और दूसरा मुंह से सांस देना जिसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन कहते हैं. पहले व्यक्ति के सीने पर बीचोबीच हथेली रखें. पंपिंग करते समय हथेली को एक हाथ को दूसरे हाथके ऊपर रख कर उंगलियों को अच्छे से बांध लें और हाथ और कोहनी दोनों सीधा रखें. उसके बाद छाती को पंपिंग करते हुए छाती को दबाया जाता है. ऐसे करने से धड़कनें फिर शुरू हो जाती हैं. हथेली से छाती को 1 -2 इंच तक दबाएं ऐसा एक मिनट में सौ बार करें. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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