Water Retention In Body: पानी हमारे शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन अगर शरीर के किसी एक हिस्से में पानी जमा हो जाए तो ये परेशान कर सकता है. कई बार हार्मोनल बदलाव की वजह से, खाने-पीने में परिवर्तन या बहुत लंबे समय तक बैठे रहने से शरीर के किसी हिस्से में पानी जमा होने लगता है. अगर आपका वजन हर रोज कम ज्यादा होता रहता है, तो हो सकता है कि आप वॉटर रिटेंशन की समस्या से जूझ रहे हैं. इसमें घबराएं नहीं बल्कि कुछ उपयों को अपनाकर छुटकारा पा सकते हैं. 


वाटर रिटेंशन के लक्षण 
अगर आपके चेहरे या हाथ-पैर में सूजन आ रही है और साथ में दर्द भी हो रहा है तो इस समस्या को नज़रंदाज़ न करें. ऐसा वॉटर रिटेंशन की वजह से हो सकता है. शरीर में वॉटर रिटेंशन होने पर ये लक्षण नजर आते हैं.



  • पैरों में सूजन

  • टखनों में सूजन

  • त्वचा में खिचाव और लाल होना

  • हाथ और पैर की उंगलियां फूल जाना

  • उंगलियों में सूजन आना 

  • अचानक से वजन बढ़ना  


वाटर रिटेंशन की समस्या को कम करने के उपाय


1- नमक कम खाएं- आपको सबसे पहले नमक के सेवन पर कंट्रोल करना है. सीमित मात्रा में ही नमक खाएं. अगर खाने में नमक कम है तो ऊपर से बिल्कुल न डालें. 


2- बाहर के पैक्ड फूड से बचें- आपको बाहर का और खासतौर से पैक्ड फूड का सेवन बिल्कुल नहीं करना है. इससे आपकी समस्या और बढ़ सकती है. वॉटर रिटेंशन की समस्या से दूर करने के लिए रेडी टू ईट फूड खाने से बचें. इनमें नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. 


3 खूब पानी पिएं- अगर आप ये सोचकर पानी नहीं पी रहे कि शरीर में पानी की मात्रा बढ़ रही है तो ये गलत है. दरअसल ज्यादा पानी पीने से वॉटर रिटेंशन को रोकने में मदद मिलती है. 


4- लंबे समय तक बैठने से बचें- अगर आप बहुत देर तक एक ही पॉजिशन में बैठते हैं तो इससे बचें. इससे शरीर में सूजन की समस्या हो सकती है. अगर सिटिंग जॉब है तो बीच-बीच में थोड़ी स्ट्रेचिंग करते रहें. 


5- पैरों को उठाकर बैठें- ज्यादा समय तक पैरों को लटका कर न बैठें. इससे पैरों में सूजन आने लगती है. अगर कभी ऐसी समस्या हो जाए तो पैरों को सीधे लेट जाएं और पैरों को थोड़ा ऊपर उठाएं. आप चाहें तो सोते वक्त पैरों की नीचे तकिया लगा सकते हैं. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


ये भी पढ़ें: Chest Congestion: सांस लेना हो जाता है मुश्किल और टूटा रहता है शरीर, जानें क्यों होता है चेस्ट कंजेशन


यह भी पढ़ें: मॉनसून में अधिक फैलती हैं ये बीमारियां, जानें बचाव के तरीके