बच्चों की मेंटल हेल्थ के लिए पर्याप्त नींद बेहद जरूरी है. हाल ही में हुए रिसर्च के मुताबिक बचपन में नींद पूरी न होने के कारण वहीं बच्चे जब बड़े होते हैं तो उनके दिमाग पर बुरा असर होता है. खासकर साइकोसिस की बीमारी का खतरा बढ़ता है. 


ब्रिटने में हुई एक खास तरह की रिसर्च


यह रिसर्च ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के रिसर्चर ने किया था. इस रिसर्च में 12 हजार बच्चों को शामिल किया गया है. और उनके स्लीपिंग पैटर्न पर नजर रखी गई. रिसर्चर ने इस खास तरह के रिसर्च में 6 महीने से लेकर 7 साल की उम्र वाले बच्चों को शामिल किया और उनकी नींद पूरी होने की अवधि पर खास ध्यान दिया. इसके बाद फिर 24 साल में उनके मेंटल पर हेल्थ पर क्या असर होता है इसका भी मूल्यांकन किया. 


रिसर्च में हुआ खुलासा


इस रिसर्च के जो रिजल्ट थे वो बेहद चौंकाने वाले थे. रिसर्चर ने पाया कि जो बच्चे लगातार कम सोते थे. वह जब बड़े हुए या यूं कहें कि जब वह अपने यंग एज में पहुंचे तो उनमें साइकोसिस बीमारी का खतरा चार गुना बढ़ गया था. साइकोसोटिक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति का वास्तविकता से ध्यान हटकर भ्रम पैदा होने लगता है. 


इस रिसर्च में नींद की कमी और साइकोसिस के बीच सीधा कारण को साबित किया गया है. इस दोनों के बीच का लिंक साबित किया गया है. इस रिसर्च में यह कहा गया है कि बच्चे की रात की नींद पूरी होनी चाहिए. अगर बच्चे को नींद से जुड़ी कोई समस्या हो रही है तो उन्हें डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए. साइकोसिस की रोकथाम के लिए शुरुआत में ही महत्वपूर्ण कदम उठानी चाहिए. 


बच्चे को अच्छी नींद के लिए अपनाएं यह खास टिप्स


बच्चों को रोजाना एक निश्चित समय पर सुलाएं और जगाएं. 


सोने से पहले टीवी या मोबाइल न दिखाएं. कम से कम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल करें. 


सोने से पहले शांत वातावर बनाएं


रोजाना एक्सरसाइज जरूर करें. यह अच्छी नींद के लिए फायदेमंद है. 


एक बच्चे के लिए अच्छी नींद न केवल शारीरिक विकास के लिए जरूरी है बल्कि बच्चे की मेंटल हेल्थ के लिए भी महत्वपूर्ण है. माता-पिता को बच्चों की सेहत के लिए जरूरी है कि उनकी आदतों का खास ध्यान रखें. ताकि बच्चे अच्छी नींद ले. 


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