Adulteration In Food: शुद्ध और हेल्दी डायट के लिए आप कितने ही  डायट चार्ट फॉलो कर लें और कितनी ही फिटनेस क्लासेज जॉइन कर लें. अगर घर की रसोई में आने वाले कच्चे फूड और मसालों में ही मिलावट हो तो आपको अपनी मेहनत का पूरा फल नहीं मिल पाएगा. लेकिन फिर भी एक्सर्साइज और सही डायट आपकी बॉडी को मजबूत बनाने का काम जरूर करेंगी ताकि बीमारियां आप पर जल्दी से हावी ना हो पाएं. 


हेल्थ को सही बनाए रखने के लिए इस बात की जागरूकता होना जरूरी है कि किन फूड्स में किस तरह की मिलावट की जाती है. ताकि आप शुद्ध और मिलावट के बीच के अंतर को समझने लगें. यहां आपको उन फूड्स के बारे में बताया जा रहा है, जिनमें उनसे मिलती-जुलती दूसरी चीजों की मिलावट बहुत अधिक की जाती है...


दूध में किसकी मिलावट होती है?



  • दूध की मात्रा बढ़ाकर अधिक मुनाफा कमाने के लिए इसमें सिर्फ पानी की मिलावट नहीं की जाती. बल्कि पानी मिलाने के बाद इसे गाढ़ा दिखाने के लिए चॉक पाउडर, सोप पाउडर, यूरिया और स्टार्च पाउडर जैसी चीजें मिलाई जाती हैं. 

  • ऐसी दूध लगातार पीने से आपको फूड पॉइजनिंग, हार्ट प्रॉब्लम्स, कैंसर, मितली और डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं.


दही में मिलावट


फेस्टिव सीजन में दूध, मावे और घी की तरह दही की डिमांड भी काफी अधिक होती है. क्योंकि दही-भल्ले, दही-पपड़ी, टिक्की, रायता, छोला चाट, जैसी सभी डिशेज में दही का बहुत अधिक यूज होता है. दूध की तरह दही में पानी मिलाने के बाद इसे गाढ़ा दिखाने के लिए स्टार्च पाउडर इत्यादि का यूज किया जाता है. पहले तो जिस दूध से दही तैयार करनी होती है, उसी में ये मिलावट कर दी जाती है, ताकि दही गाढ़ी नजर आए.


हल्दी में मिलावट


हल्दी में डाई कलर मिलाया जाता है. यानी वो रंग जिसे कपड़े रंगने के लिए यूज किया जाता है. सस्ता और बेहद घटिया क्वालिटी का पीला रंग मिलाकर बेची जाने वाली हल्दी खाने से कैंसर और पेट संबंधी क्रॉनिक समस्याएं हो सकती हैं.


मिर्च पाउडर में मिलावट


आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस मिर्च को आप अपने भोजन में स्वाद का तड़का लगाने के लिए यूज करते हो, उस मिर्च पाउडर में ईंट यानी ब्रिक्स का पाउडर मिला दिया जाता है. जो किसी भी ईंट के भट्टे पर कूड़े की तरह पड़ा हुआ मिल जाता है. ऐसी मिर्च खाने से आपको कैंसर और पाचन संबंधी डिसऑर्डर्स हो सकते हैं.


देसी घी में मिलावट


मार्केट में 5 सौ रुपये किलो देसी घी भी है और 2 हजार रुपये किलो भी. लेकिन सिर्फ इनके प्राइज के आधार पर आप इनकी प्योरिटी को लेकर श्योर नहीं हो सकते. क्योंकि घी में वेजिटेबल ऑइल और एनिमल फैट की मिलावट से इनकार नहीं किया जा सकता. देसी घी में बड़े स्तर पर इन चीजों की मिलावट होती है. ऐसा घी खाने से एनिमिया और हार्ट बढ़ने की भयानक बीमारी हो सकती है.


दालचीनी में मिलावट 



  • मसालों में होने वाली मिलावट में सबसे अधिक सरप्राइज करती है दालचीनी में होने वाली मिलावट. क्योंकि दालचीनी पाउडर में मिलावट तो समझ आती है लेकिन दालचीनी स्टिक्स में मिलावट कैसे संभव है... हैरान करने वाली इस मिलावट का सच जान लीजिए...

  • दालचीनी जिस का पेड़ जिसे फैमिली से आता है, उसी फैमिली का एक और पेड़ जिसकी लकड़ी दालचीनी की तरह ही होती है, उसकी स्टिक्स को तैयार दालचीनी स्टिक्स के साथ मिक्स कर दिया जाता है. इन दोनों में अंतर पहचानना इसलिए मुश्किल होता है क्योंकि दालचीनी की तरह दिखने वाली कैसिया (Cassia) प्लांट की स्टिक्स में से भी दालचीनी जैसी ही खुशबू आती है. अंतर सिर्फ इतना होता है कि इसकी खुशबू अधिक तीखी होती है और इसकी स्टिक्स का रंग दालचीनी की स्टिक्स की तुलना में हल्का और थोड़ी लालिमा लिए हुआ होता है.

  • अगर दालचीनी के कंफ्यूजन में आप लंबे समय तक कैसिया प्लांट की स्टिक्स खाते रहें तो लिवर डैमेज, लो ब्लड शुगर, मुंह या आंतों में छाले की समस्या हो सकती है. यहां तक कि इसके सेवन से कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है.


काली मिर्च में मिलावट 


एक बार फिर आपके मन में ये सवाल आएगा कि काली मिर्च पाउडर में मिलावट तो समझ में आती है लेकिन काली मिर्च में क्या मिलावट की जा सकती है... तो उत्तर है पपीते के बीज! जी हां, काली मिर्च में पपीते के बीज मिलाकर धड़ल्ले से बेचे जाते हैं. जिनके सेवन से लिवर और पेट खराब होने का खतरा रहता है. लंबे समय तक इनके यूज से क्रॉनिक डिसऑर्डर भी हो सकते हैं.


 


Disclaimer: इस स्टोरी में दिए गए तथ्य रिसर्च और एजुकेशन साइट्स से लिए गए हैं.


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