Cervical Cancer Vaccine: कैंसर मौजूदा वक्त में तेजी से फैलती हुई खतरनाक बीमारी बनती जा रही है. अच्छे-खासे चलते फिरते लोग इसके शिकार होते जा रहे हैं और उन्हें इस बात का पता तक नहीं चल रहा. महिलाओं में भी ब्रेस्ट कैंसर और ओवरी कैंसर के बाद एक और कैंसर तेजी से उभरता नजर आ रहा है, जो बहुत खतरनाक है. महिलाओं में होने वाले जिस कैंसर की हम बात कर रहे हैं वो 'सर्वाइकल का कैंसर' है. सर्वाइकल का कैंसर एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमा वायरस) वायरस के संक्रमण की वजह से होता है. ये एक यौन संचारित वायरस होता है, जो यौन संबंध बनाने से फैलता है. अगर कोई बार-बार इस वायरस से संक्रमित होता है तो वो आगे चलकर इस खतरनाक बीमारी का शिकार हो सकता है. 


हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों के मद्देनजर भारत सरकार ने हाल ही में ऐलान किया है कि अप्रैल में 9 से 14 साल की उम्र की लड़कियों के लिए एक नेशनवाइड इम्यूनाइजेशन ड्राइव शुरू किया जाएगा. इस ड्राइव के तहत उस नई वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाएगा, जो ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) को टारगेट कर सकती है. HPV वायरस ही भविष्य में सर्वाइकल के कैंसर का जोखिम पैदा करता है. कई बार अन्य कैंसरों का भी कारण बनता है.


41 लाख महिलाओं की मौत


वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, भारत में साल 2019 से अब तक 41 लाख महिलाएं इस खतरनाक बीमारी की वजह से जान गंवा चुकी हैं. डब्ल्यूएचओ ने यह भी दावा किया कि 2070 तक 57 लाख महिलाओं की मृत्यु हो जाने की संभावना है. डब्ल्यूएचओ ने निर्देश दिया कि सभी देशों को 2030 तक हर साल 1,00,000 महिलाओं पर 4 से कम नए मामलों की दर तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए और इसे बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए. सर्वाइकल के कैंसर का खतरा कम करने के लिए महिलाओं का निवारक टीकाकरण जरूरी है.


नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनाइजेशन के चेयरपर्सन एन के अरोड़ा ने WHO को बताया कि वैक्सीनेशन के लिए एक सही रोडमैप और रणनीति तैयार की गई है. कोविड वैक्सीनेशन ड्राइव से मिले अनुभवों ने हमारी बहुत मदद की है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा विकसित 'क्वाड्रिवेलेंट वैक्सीन', जिसे "सर्ववैक" (Cervavac) भी कहा जाता है. ये वैक्सीन एचपीवी वायरस से कई प्रकार से सुरक्षा प्रदान करती है.


एचपीवी एक यौन संचारित वायरस


भारत मौजूदा वक्त में वैक्सीन के लिए पूरी तरह से विदेशी निर्माताओं पर निर्भर है, जो काफी महंगे हैं. भारत एचपीवी के खिलाफ ज्यादा किफायती वैक्सीनेशन चाहता है ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इसका लाभ मिल सके. एचपीवी एक यौन संचारित वायरस है, जो जननांगों, गले और मुंह को प्रभावित करता है. इस बीमारी के खिलाफ बनी वैक्सीन Ceravac का प्रोडक्शन 2022 के आखिर में शुरू हुआ था. यह वैक्सीन 200 से 400 भारतीय रुपये प्रति खुराक की कीमत पर उपलब्ध कराई जाएगी. उम्मीद है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया दो सालों में लगभग 20 करोड़ डोज़ का प्रोडक्शन करेगा.


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