चीन से फैले कोरोना वायरस का असर पूरी दुनिया में देखा जा रहा है. कोरोना वायरस के संकम्रण से बचने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सुरक्षा उपकरण अपनाने पर जोर दिया है. वायरस के प्रभाव में आने से बचने के लिए लोग मॉस्क और सेनेटाइजर लगाकर बाहर निकल रहे हैं. जिसके चलते सुरक्षा उपकरणों की मांग तेजी से बढ़ गयी है.


'टीटो' ने अपने उत्पाद के इस्तेमाल से क्यों रोका


सुरक्षा उपकरण की बढ़ती मांग को पूरा करने में काफी मुश्किल हो रहा है. इसी कमी को दूर करने के लिए लोग हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने लगे हैं. वोदका और एलोवीरा के जरिए लोग मांग की कमी को मात देने का दावा कर रहे हैं. मगर 'टीटोज' ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि उसके हैंडमेड वोदका में 40 फीसद ही अल्कोहल है. जबकि हैंड सेनेटाइजर के लिए अल्कोहल की मात्रा 60 फीसद होनी चाहिए. उसने अमेरिकी संस्था 'सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रेवेंशन' (CDC) के हवाले से सोशल मीडिया यूजर को जवाब दिया.





ट्वीटर यूजर की शेखी पर कंपनी ने दी जानकारी


एक ट्वीटर यूजर ने शेखी बघारते हुए दावा किया था 'टीटोज' के वोदका से हैंड सेनेटाइजर का काम लिया जा रहा है.





'टीटोज' ने अपने बयान में CDC के हवाले से बताया कि हाथ धोना वायरस, कीटाणु या जीवाणु से लड़ने का अभी भी सबसे बेहतर उपाय है. इसलिए उसे वोदका को हैंड सेनेटाइजर के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. टीटोज' ने कहा, "कीटाणुओं से निजात पाने का सबसे बढ़िया तरीका साबुन और पानी से हाथ धोना है. अगर साबुन और पानी मौके पर नहीं मिल पाते हैं तो ऐसी सूरत में अल्कोहल निर्मित हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल किया जा सकता है. क्योंकि अल्कोहल निर्मित हैंड सेनेटाइजर में अल्कोहल की मात्रा 60 फीसद होती है." जबकि इसके वोदका में 60 फीसद अल्कोहल की मात्रा नहीं है. इसलिए इसके वोदका में 40 फीसद अल्कोहल होने के चलते हैंड सेनेटाइजर का काम नहीं लिया जाना चाहिए.


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