Thyroid Eye Disease: थायरॉयड अपने आप में कोई बीमारी नहीं बल्कि ये बटरफ्लाई के आकार का निचली गर्दन के बीच में स्थिति एक ग्लैंड है. भले ही ये एक छोटा अंग है, लेकिन हमारे शरीर में उसकी कई आवश्यक भूमिकाएं हैं. ये ग्लैंड तीन तरह के हार्मोन्स पैदा करता है जो वृद्धि, सेल रिपेयर और शरीर में मेटाबोलिज्म को काबू करने में मदद करते हैं. थायरॉयड ग्लैंड से थायरॉयड हार्मोन का स्राव होता है, लेकिन जब थायरॉयड हार्मोन का स्राव असंतुलित हो जाता है तब हमें कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है.


उसकी वजह से थकान, गिरते बाल, बढ़ते वजन, बेतहाशा ठंड हो सकता है और कई अन्य लक्षण एक साथ मिलकर थायरॉड रोग कहे जाते हैं. गंभीर मामलों में थायरॉयड रोग से आंख संबंधी दिक्कतें भी हो सकती हैं, जहां इम्यून सिस्टम आंख के इर्द गिर्द मसल्स और टिश्यू पर हमला करने लगते हैं. उसके चलते थायरॉयड हार्मोन जरूरत से ज्यादा या जरूरत से कम मात्रा में स्रावित होता है. इस स्थिति को थायरॉयड नेत्र रोग से संबोधित किया जाता है. 


क्या होता है थायरॉयड नेत्र रोग?
थायरॉयड नेत्र रोग आंख की ऑटोइम्यून स्थिति है. ये थायरॉयड बीमारी से पीड़ित लोगों में आम है. इस प्रकार के आंख का संक्रमण ग्रेव्स रोग से प्रभावित लोगों में भी देखा जाता है. थायरयॉड संबंधी आंख की दिक्कतें उस वक्त होती हैं जब हमारा इम्यून सिस्टम गलती से आंख के आसपास शरीर के टिश्यू को बाहरी हमलावर समझ लेता है. उसके बाद जल्द ही इम्यून सिस्टम एंटीबॉडीज भेजता है जो आंख के इर्द गिर्द फैट और टिश्यू पर हमला करता है. हालांकि विशेषज्ञ अभी तक नहीं समझ पाए हैं कि इम्यून सिस्टम के रिएक्ट करने का कारण क्या है. हालांकि, थायरॉयड रोग से पीड़ित हर शख्स इस स्थिति से प्रभावित नहीं होता है.


थायरॉयड नेत्र रोग के लक्षण
इस स्थिति में आंखें उभरी हुई दिख सकती हैं और आंखें सूजी हुई लग सकती हैं. गंभीर स्थिति में आप अपनी आंखों को पूरी तरह बंद भी नहीं कर पाएंगे. कुछ अन्य लक्षणों में आंखों में जलन, दर्द और दबाव, सूखी या गीली आंखें, दोहरी दृष्टि, रोशनी पड़ने पर आंख में दिक्कत शामिल हैं. 


पहचान और इलाज
अगर आपको थायरॉयड रोग है, तो आंख की समस्याओं की संभावना को खारिज करने के लिए आंख का नियमित चेकअप कराने जाएं. अगर आप आंख में थोड़ा दर्द या समस्या का अनुभव शुरू करने लगें, तो अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें. आपका डॉक्टर सूजन या आंख के टिश्यू या टिश्यू में बढ़ोतरी का पता लगा सकता है. आपकी स्थिति के आधार पर आपका डॉक्टर आपके लिए दवाइयां लिखेगा. आपको कुछ सावधानी बरतने के लिए भी कहा जा सकता है, मिसाल के तौर पर धूल और तेज रोशनी से अपनी आंख को सुरक्षित रखें. इस स्थिति से पीड़ित सिर्फ कुछ फीसद लोगों को सर्जरी कराने की जरूरत होती है. 


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