WereWolf Syndrome: दुनिया में ऐसी कई दुर्लभ बीमारी है जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं इन्हीं में से एक है वेयरवुल्फ (WereWolf )जो 20 लाख  लोगों में से किसी एक में होता है. पूरी दुनिया में इस बीमारी के सिर्फ 50 मरीज अब तक  पाए गए हैं, हालांकि इस बीमारी की वजह अब तक सामने नहीं आई है.जानते हैं इसके बारे में


 क्या है वेयर वुल्फ सिंड्रोम?


वेयर वुल्फ सिंड्रोम को हाइपरट्रीचोसिस (Hypertrichosis) के नाम से जाना जाता है. इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति के शरीर में कहीं भी बाल की ग्रोथ जरूरत से ज्यादा हो सकती है. यह एक दुर्लभ बीमारी है जो महिलाओं और पुरुषों दोनों में हो सकती है बालों की इस तरह की असामान्य ग्रोथ चेहरे और पूरे शरीर पर भी हो सकती है और शरीर के कुछ हिस्सों में छोटे-छोटे पैच के तौर पर भी हो सकती है.यह बीमारी पैदाइशी भी हो सकती है और बाद में भी कोई व्यक्ति को यह बीमारी हो सकती है..इसका पहला मामला कैनरी आइलैंड के पास आया था


वेयरवुल्फ सिंड्रोम के कितने तरह के होते हैं


कंजेनिटल हाइपरट्रिटेसिस लैनुगिनोसा- शुरु शुरु में ये सामान्य लैनुगो के रूप में सामने आता है. जन्म के समय बच्चे के शरीर पर महीन बाल दिखाई देते हैं लेकिन कुछ हफ्तों में ये बाल गायब होने की बजाए बढ़ने लगते हैं और बच्चे के शरीर के अलग अलग हिस्सों में इनकी ग्रोथ होने लगती है. ये जन्मजात वेयरवुल्फ सिंड्रोम है


कंजेनिटल हाइपरट्रिटेसिस टर्मिनलिस- बच्चे के जन्म के समय ही बालों की असमान्य ग्रोथ शुरू हो जाती है और फिर ये आगे पूरी जिंदगी चलने वाली प्रक्रिया बन जाती है. इस तरह के वेयरवुल्फ सिंड्रोम में ग्रसित व्यक्ति के शरीर और चेहरे पर लंबे और मोटे बाल होते हैं.


नेवॉइस हाइपरट्रिचोसिस- इस प्रकार के हाइपरट्रिचोसिस में शरीर के किसी एक हिस्से में बालों की ग्रोथ बहुत ज्यादा दिखाई दोती है. कुछ मामलों में शरीर के एक से ज्यादा हिस्सों में भी इस तरह के बालों के पैच हो सकते हैं.


हर्सुटिज्म: हाइपरट्रिचोसिस महिलाओं में ही होता है. इसकी वजह से महिलाओं के शरीर के उन हिस्सों जैसे छाती, पीठ में भी गहरे काले और मोटे बाल उग आते हैं, जहां आमतौर पर नहीं होते.


एक्वायर्ड हाइपरट्रिचोसिस: जब वेयरवुल्फ सिंड्रोम जन्मजात ना होकर बड़े होकर पनपे तो ऐसी स्थिति की एक्वायर्ड हाइपरट्रिचोसिस कहा जाता है.इसमें दो तरह से बालों की ग्रोथ होती है. एक तो हल्के मखमली बाल पूरे शरीर पर आ जाते हैं और कई बार मोटे बाल भी पूरे शरीर पर आ जाते हैं.


वेयरवुल्फ सिंड्रोम होने की वजह


एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड और कुपोषण की वजह से वेयरवुल्फ सिंड्रोम होता है. कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट से भी ये बीमारी हो सकती है. इसके अलावा ये बीमारी हाइपरट्रिचोसिस जीन के रिएक्टिवेशन के कारण भी हो सकती है. इस बीमारी में जीन भ्रूण के विकास के साथ बंद हो जाते हैं,लेकिन जन्म के समय गलती से सक्रिय हो जाते हैं तो बीमारी बढ़त


क्या है इसका इलाज?


वेयरवुल्फ सिंड्रोम के लिए कोई खास इलाज मौजूद नहीं है, हालांकि कुछ short-term इलाज से इसे कुछ हद तक कम किया जा सकता है.जैसे शेविंग वैक्सिंग प्लकिंग के जरिए इन बालों को कम किया जा सकता है इस बीमारी का स्थाई इलाज कराने के लिए इलेक्ट्रो लिसिस और लेजर सर्जरी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है


 


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