नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे और फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री रीमा लागू का आज हार्ट अटैक से निधन हो गया. इसी साल जनवरी में बॉलीवुड अभिनेता ओम पुरी का भी हार्ट अटैक से निधन हो गया था. इस तरह अचानक इनके निधन से देशभर में शोक की लहर है. ऐसे में एबीपी न्यू्ज़ ने मैक्स वैशाली के कार्डियोलॉजिस्टि डॉ. असित खन्ना से जाना कि अचानक हार्ट अटैक के क्या कारण है. कैसे हार्ट अटैक से बचा जा सकता है और क्या-क्या एतिहायत बरतें.


सर्दियों में अधिक रहता है हार्ट अटैक का खतरा-
डॉ. असित का कहना है कि गर्मियां हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि हार्ट अटैक पड़ जाएगा. गर्मियों से हार्ट अटैक का कोई लेना-देना नहीं है. मौसम कोई भी हो, हार्ट अटैक के सिम्टम्स एक जैसे ही रहते हैं. हां, गर्मियों के बजाय सर्दियों में हार्ट अटैक ज्यादा पड़ता है.

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युवाओं में भी बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा-
डॉ. खन्ना के मुताबिक, आज के लाइफस्टाइल के चलते अब तो 30 से 35 साल की उम्र में भी हार्ट अटैक के मरीज सामने आ रहे हैं. आज के समय में युवा हार्ट डिजीज जैसे हाइपरटेंशन, डायबिटीज और हार्ट अटैक के मरीज हैं.

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50 की उम्र के बाद हर साल ये चार टेस्ट करवाने है जरूरी-
डॉ. खन्ना के मुताबिक, 50 की उम्र के बाद अगर एलुअल चेकअप करवाया जाता तो शायद रीमा जी की अचानक डेथ नहीं होती. प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप 50 की उम्र के बाद बेहद जरूरी हो जाता है. ईको, टीएमटी, शुगर और कॉलेस्ट्रॉल का टेस्ट हर किसी को 50 की उम्र के बाद हर साल करवाने चाहिए. ऐसे अचानक किसी डिजीज से होने वाली डेथ से बच सकते हैं. टेस्ट करवाने से बीमारी की शुरूआत में ही उसे पकड़ा जा सकता है.

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इन चीजों पर करें अमल-

  • अगर आपकी उम्र 50 साल है या फिर आपके टेस्ट में कोई हार्ट डिजीज आई है तो सबसे पहले डायट पर कंट्रोल करें. लो फैट, लो सॉल्ट डायट लें.

  • किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे- तंबाकू, धूम्रपान और एल्कोहल का सेवन ना करें.

  • रोजाना व्यायाम करें. इसमें आप जॉगिंग, वॉकिंग कर सकते हैं.

  • वजन कंट्रोल करें. लो बॉडी वेट होगा तो आप फिट रहेंगे.

  • 50 की उम्र के बाद हर साल बॉडी चेकअप करवाएं. अगर घर में हैरिडिटरी डिजीज हैं तो 30 की उम्र के बाद उन डिजीज का समय-समय पर चेकअप जरूर करवाएं. इनमें मोटापा, डायबिटीज, हार्ट अटैक, थॉयरॉइड, कैंसर जैसी डिजीज शामिल हैं.

  • अगर रिपोर्ट्स ठीक नहीं है और कोई भी गंभीर डिजीज का सिम्टम दिखाई देता है तो तुरंत दवाईंया र्स्टाट करें.

  • आमतौर पर लोग दवाएं एवॉइड करते हैं और अन्य विकल्प चुनते हैं. तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.

  • प्रोपर ट्रीटमेंट लें और डॉक्टर से फॉलोअप लेते रहें.


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हार्ट अटैक के सिम्टम्स-


यूं तो हार्ट अटैक के कुछ-कुछ सिम्टम्स दिखाई देने लगते हैं लेकिन कुछ मामलों में हार्ट अटैक के लक्षण बिल्कल नहीं दिखाई देते. रीमा लागू के केस में ऐसा ही था. ऐसे में टेस्ट  करवाना बेस्ट जरिया है.


सिम्टम्स-

  • चलने में सीना भारी होने लगेगा. पहले जितना चल पाते थे उतना नहीं चल पाएंगे.

  • चलते समय सांस फूलने लगेगी. सीढ़ी चढ़ते हुए जल्दी हांफने लगेंगे.

  • पहले जितनी एक्सरसाइज कर पाते थे उतनी नहीं कर पाएंगे.

  • जरूरत से ज्यादा पसीना आने लगेगा.

  • चक्कर आने लगेगा. ब्लड प्रेशर जो पहले सामान्य रहता था अचानक बढ़ने लगेगा.

  • शुगर जो पहले सामान्य थी या डायबिटीज नहीं थी अचानक डायबिटीज हो जाएगी.


 कुछ मिलाकर कहें कि चेस्ट हैवीनेस, स्वेटिंग, सांस फूलना, चक्कर आना और पैरों में सूजन ये पांच कार्डिएक सिम्टम्स होते हैं. जब भी ये लक्षण दिखाई दें. तुरंत अपना चेकअप करवा लें.


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30 की उम्र के बाद चेकअप-

  • अगर चेकअप के दौरान 30 की उम्रया इससे अधिक उम्र में आपके लिपिड प्रोफाइल की रिपोर्ट्स बहुत खराब आई हैं तो आपको सबसे पहले अपनी डायट पर ध्यान देना चाहिए. सबसे पहले आप बीमारी की रोकथाम करेंगे. अपनी डायट कंट्रोल करें. फैटी फूड्स, सॉल्टी फूड्स, फ्राइड फूड्स, फास्ट फूड्स इन चीजों को एवॉइड करें. लो सॉल्ट, लो फैट डायट को अपनी डायट में शामिल करें.

  • इसके बाद एक्सरसाइज को रूटीन में शामिल करना चाहिए. रोजाना एक्सरसाइज करके बॉडी का वेट मेंटेन करें. सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक रोजाना एक्सरसाइज करें.

  • इसके बाद प्रणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाति और योग जैसी चीजों को अपने रूटीन में शामिल करें.

  • इन सबके बाद भी आपका कॉलेस्ट्रॉल हाई रहता है तो आपको फिर दवाईंया स्टार्ट कर देनी चाहिए.


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कॉलेस्‍ट्रॉल मेडिसिन चलती हैं लाइफटाइम-
लोग ऐसा मानते हैं कि दवा इसलिए शुरू नहीं करेंगे क्योंकि इसे लाइफटाइम लेना पड़ेगा. इस पर डॉ. असित का कहना है कि बेशक कॉलेस्‍ट्रॉल हाई होगा तो मेडिसिन भी लेनी होंगी. उम्र बढ़ने के साथ-साथ कॉलेस्ट्रॉल भी बढ़ेगा. बढ़ती उम्र के साथ बीमारी कंट्रोल में रहे इस वजह से दवाएं लाइफटाइम खाने के लिए कहीं जाती हैं. जैसे बीपी, शुगर, इंसुलिन, थॉयराइड ऐसी बीमारियां हैं जो उम्र के साथ बढ़ती रहती हैं. इसी वजह से इनकी दवाएं लाइफ टाइम चलती हैं.

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नोट: आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.