Tests Need To Be Before Marriage: भारतीय परंपरा के अनुसार शादी (Marriage) के लिए लड़का और लड़की की कुंडली मिलाई जाती है और देखा जाता है कि लड़का और लड़की के कितने गुण मिल रहे हैं.  कुंडली न मिलने पर पक्का रिश्ता भी टूट जाता है. वहीं ऐसा देखा जाता है कि अधिकतर लोगों के कुंडली मिलने के बाद भी रिश्तों में दरार आ जाती है. अब शादी के लिए कुंडली मिलाना जरूरी नहीं है बल्कि शादी के लिए एक दूसरे के लायक होना जरूरी है और शारीरिक रूप से फिट रहना जरूरी है ताकि शादी के बाद किसी तरह की कोई परेशानी न आएं. 


शादी से पहले युवक युवती को एक दूसरे के बारे में सब कुछ पता हो तो आगे चल कर सिचुएशन हैंडल करने में काफी आसानी रहती है और दोनों एक दूसरे को उसकी कमियों के साथ स्वीकारने की हिम्मत रखते हैं तो ऐसा रिश्ता काफी मजबूत बनता है. इसलिए दूल्हा दुल्हन को शादी से पहले यह मेडिकल टेस्ट कराने में नहीं हिचकिचना चाहिए. आइए जानें ये मेडिकल टेस्ट कौन से हैं और करना क्यों जरूरी है. 


एचआईवी टेस्ट


यदि युवक या युवती में से किसी एक को भी एचआईवी संक्रमण हो तो दूसरे की जिंदगी पूरी तरह से बरबाद हो जाती है. इसलिए शादी से पहले यह टेस्ट करवाना बहुत जरूरी है. इसमें आप की सजगता और समझदारी है.


उम्र का परीक्षण


कई बार शादी करने में देर हो जाती है और अगर आप एक महिला हैं और आपकी उम्र ज्यादा है तो अपनी ओवरी की जांच जरूर कराएं. उम्र अधिक होने के कारण युवतियों में अंडाणु बनने कम हो जाते हैं और बच्चे होने में परेशानी आ सकती है. इससे आपके मां बनने की क्षमता का पता चल जाएगा.  इसलिए यदि बढ़ती उम्र में शादी कर रहे हैं तो टेस्ट जरूर कराएं. 


इनफर्टिलिटी टेस्ट


पुरुषों में स्पर्म की क्या स्थिति है, स्पर्म काउंट कितना है. इससे जुड़ी बातों के बारे में जानने के लिए इनफर्टिलिटी टेस्ट कराना जरूरी है. चूंकि शरीर में इन्फर्टिलिटी से जुड़ी कोई खास लक्षण नहीं दिखते. लिहाजा टेस्ट कराना जरूरी है ताकि भविष्य में फैमिली प्लान करने और गर्भधारण करने में किसी तरह की दिक्कत न आए. अगर आपको पहले ही इस बारे में पता चल जाएगा तो आप सही ट्रीटमेंट करवा पाएंगे. 


जेनेटिक टेस्ट


शादी से पहले दोनों पार्टनर को जेनेटिक टेस्ट जरूर कराना चाहिए. इस टेस्ट को करवाने से यह पता चल जाएगा कि आपके होने वाले पार्टनर को कोई अनुवांशिक बीमारी तो नहीं है. अगर टेस्ट में किसी बीमारी का पता चलता है तो समय रहते उसका इलाज करवाया जा सकता है. 


एसटीडी टेस्ट


यह टेस्ट दोनों पार्टनर को जरूर कराना चाहिए, जिससे दोनों में से कोई भी शादी के बाद सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज का शिकार न हो. क्योंकि अगर दोनों में से किसी एक को भी यह होती है तो दूसरे को भी हो सकती है. जो बहुत खतरनाक साबित हो सकती है. 


ब्लड ग्रुप कम्पेटिबिलिटी टेस्ट


अगर दोनों पति-पत्नी का ब्लड ग्रुप एक दूसरे के साथ कम्पैटिबल यानी अनुकूल या सुसंगत न हो तो प्रेग्नेंसी के दौरान समस्याएं आ सकती हैं. लिहाजा दोनों पार्टनर का Rh फैक्टर सेम हो यह बेहद जरूरी है. ऐसे में शादी से पहले ब्लड ग्रुप का कम्पेटिबिलिटी टेस्ट जरूर करवाएं. 


ब्लड डिसऑर्डर टेस्ट


महिलाओं को शादी से पहले यह टेस्ट जरूर कराना चाहिए. क्योंकि इससे यह पता चलता है कि आप ब्लड हीमोफीलिया या थैलेसीमिया से ग्रसित तो नहीं है. क्योंकि इसका सीधा असर आपके बच्चे और दांपत्य जीवन पर पड़ता है. 


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