Synthetic Diapers Harmful Effects: घर में छोटे बच्चे (Babies) होने से रौनक बनी रहती है. बच्चे का खेलना, हंसना दिल को काफी सकून देते हैं. अपने बच्चे को आप डाइपर तो पहनाते ही होंगे. इससे बच्चे और खुद आपको भी सुविधा रहती है.पहले के समय में बच्चे को यूरिन के गीलेपन से बचाने के कपड़े की लंगोट पहनाई जाती थी. इसके बाद डाइपर्स (synthetic diapers)का जमाना आया और अब हर मां बाप अपने को डाइपर ही पहनाते हैं.लेकिन क्या आपको पता है कि हर वक्त बच्चे को बाजार के डाइपर पहनाना खुद बच्चे के लिए काफी नुकसानदेय है. 

सिंथेटिक डाइपर हैं बच्चे के लिए खतरनाक 


डॉक्टर बताते हैं कि बाजार में मिलने वाले डाइपर्स को लीक प्रूफ पॉलिमर से बनाया जाता है. ये पॉलिमर पर एब्जोर्बेंट होते हैं जो जल्दी सोखते हैं और इनके अंदर खुशबू वाले कैमिकल भी मिलाए जाते हैं. आपको बता दें कि नेचर माइक्रोबायोलॉजी जर्नल में छपी एक खबर में कहा गया है कि हाल में ही में हुए एक अन्तरराष्ट्रीय शोध में बच्चों के इन डाइपर्स में करीब दस हजार से ज्यादा वायरस पाए गए. इनमें से 16 वायरस की पहचान तक हो गई है. यानी बच्चों को पूरे दिन डायपर पहना कर रखने वाले मां बाप बच्चों को इन खतरनाक वायरस के हवाले कर रहे हैं. इन डाइपर्स के काफी नुकसान होते हैं, इससे स्किन पर ना केवल रैशेज पड़ते हैं बल्कि अस्थमा जैसी बीमारी भी हो सकती है. 

बच्चे को पहनाएं कपड़े की नैपकिन
  


अपने छोटे बच्चे को वायरस और कई गंभीर बीमारियों से बचाने का एक तरीका है कि आप अपने बच्चे को कपड़े से बना नैपकिन पहनाएं. ये गीला तो होगा लेकिन इसकी सॉफ्टनेस से बच्चे को कोई नुकसान नहीं होगा. अपने घर में ही साफ और कॉटन के लंगोट बना लीजिए और कई सारे सेट रखिए ताकि बच्चा एक गीला करें तो दूसरा पहना सकें. इससे आपका बच्चा आराम भी महसूस करेगा और बीमारियों से सुरक्षित भी रहेगा.

कुछ देर के लिए बच्चे को नंगा छोड़ना है सही 


जरूरी नहीं कि बच्चे को 24 घंटे डायपर पहनाया जाए. उसे कुछ देर के लिए बिना किसी लंगोट या नैपी के  छोड़ना भी उसकी सेहत के लिए काफी अच्छा होगा. इससे उसके हाथ पैर आराम महसूस करेंगे, उसके निजी अंगों को अच्छी हवा मिलेगी और उसका हाइजीन भी बढ़ेगा. 

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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