भारत को एक हद तक गर्म देश भी कह सकते हैं. यहां साल के अधिकतर दिनों और ज्यादा हिस्सों खासकर नॉर्थ इंडिया पर पूरे साल धूप खिला रहता है. लेकिन इन सब के बावजूद एक चीज हमेशा निराश करती है वह यह कि भारत की आधी आबादी विटामिन डी की भारी कमी से जूझ रही हैं. एक ऑनलाइन ड्रग फॉर्मेसी ने हाल ही में एक सर्वे किया. जिसमें पाया कि भारत के लगभग 76 प्रतिशत या यूं कहें कि तीन में से एक भारतीय वि़टामिन डी की कमी से पीड़ित हैं. 


ऑनलाइन ड्रग फॉर्मेसी की सर्वे क्या कहती हैं?


यह सर्वे ने बेहद चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. इसकी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि भारत के 87 प्रतिशत युवा जिनकी उम्र 25 साल से कम की है. उनमें विटामिन डी की भारी कमी पाई गई है. 25-40 वाले उम्र के 81 प्रतिशत लोग विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि वड़ोदरा, सूरत, नागपुर, भुवनेश्वर, नासिक और विशाखापत्तनम जैसे शहर इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं. सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि शहरों में रहने वालों लोगों की स्थिति ज्यादा दयनीय है. इस सर्वे ने एक बात तो जगजाहिर कर दी है कि हम घर के अंदर क्यों न कितना एक्टिव रहें लेकिन हमें धूप में जरूर बैठना चाहिए. सूरज की रोशनी हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में मिलनी ही चाहिए. प्रदूषण बढ़ने के कारण आजकल लोग धूप में नहीं बैठते हैं, लेकिन भारत का अधिकतर हिस्सा खासकर नॉर्थ इंडिया सूरज की रोशनी का फायदा नहीं उठा रहा हैं. 


धूप है विटामिन डी का बेस्ट सोर्स


जैसा कि आपको पता है विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स सूर्य की रोशनी को माना गया है. अब सवाल यह उठता है कि किस वक्त सूर्य की रोशनी फायदा पहुंचाती है. इसपर कई रिसर्चर का माना है कि रोजाना सुबह के वक्त अगर आप 10-15 मिनट सूर्य की रोशनी में बैठ गए तो इसी यूवीबी किरणें सबसे तेज होती है. यह शरीर पर काफी असर भी करती है. सुबह 9 बजे के अंदर आप अपने बालकनी, छत, बगीचे, पड़ोस के पार्क या घर से बाहर निकलर किसी भी जगह पर खड़े होकर सूर्य की रोशनी ले सकते हैं. इसका सीधा फायदा आपके शरीर पर पड़ता है. 


अगर आप ऐसा रोजाना करते हैं तो यह आपके विटामिन डी पर्याप्त कोटा होगा. इसके बाद आपको अलग से दवा नहीं लेनी पड़ेगी. सुबह के वक्त की सूर्य की किरणें आपको किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाती है. न ही यह आपको स्किन कैंसर या स्किन में सूजन और जलन की चिंता करने की जरूरत है. क्योंकि अक्सर ऐसा होता कि हम जब भी बाहर निकलते हैं तो एक चिंता हमेशा सताती है कि कैसे बाहर निकले स्किन पर टैन हो जाएंगे. ये वो...


सुबह के वक्त इस टाइम में धूप में बैठना चाहिए


आप सुबह के वक्त इस तरह से भी मैनेज कर सकते हैं. जैसे आप सुबह की चाय, अखबार या फोन कॉल लेकर कुछ देर धूप में बैठ गए. जो लोग फ्लैट में रहते हैं. वह फोन के बहाने ही  घर से बाहर निकले. थोड़ी देर धूप में टहलने के बाद फिर से घर के अंदर चले गए.  हमेशा यह देखा गया है कि जब भी विटामिन डी की कमी होती है तो आप टेबलेट लेते हैं. लेकिन आपने कभी डॉक्टर की सलाह मानी डॉक्टर हमेशा कहते हैं कि सूरज की रोशनी में थोड़ी देर जरूर बैठिए. क्योंकि सूरज की रोशनी आपके शरीर को एक्टिव रखता है. आप पूरे दिन एनर्जेटिक महसूस करते हैं. 


जब धूप आपकी स्किन पर पड़ती है तो आपके टिश्यूज के अंदर एक सेंसेशन होता है. जो विटामिन डी बनाना शुरू कर देती है. यह पूरा प्रोसेस इतनी तेजी से होता है कि आपको जानकर हैरानी होगि कि शरीर एक दिन में अपने जरूरत के हिसाब से एक दिन में विटामिन डी बना लेता है. 
किस वक्त धूप में बैठना चाहिए?


धूम में बैठने का यह है सही समय


सर्दी की सुबह यानी 7 बजे से लेकर 9 बजे के बीच में आप धूप में बैठ सकते हैं. इस वक्त स्किन अधिक तेजी और ज्यादा मात्रा में विटामिन डी बनाती है. लेकिन गर्मी में आपको धूप में बैठने का काम जल्दी करना होगा क्योंकि गर्मी के दिनों में सुबह की 9 बजे तक गर्मी काफी बढ़ जाती है. गर्मी के मौसम में अगर आप धूम में बैठ रहे हैं तो अपने बॉडी को पूरी तरह से हाइड्रेट रखें. सांवला रंग, काले रंग की तुलना में अधिक विटामिन डी बनाती है. बुजुर्गों में विटामिन डी बनाने की प्रक्रिया उम्र के साथ धीमी पड़ जाती है. 


आपको अगर ऐसा लगता है कि खिड़की पर बैठकर धूप सेक लिया तो मिल गया विटामिन डी. तो आपकी इस गलतफहमी को दूर कर देते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खिड़की से आने वाले धूप में बैठकर आप विटामिन डी नहीं बना सकते हैं. क्योंकि आपके खिड़की की कांच UVB रे को रोकता है.  धूप में रहने का एक फायदा यह भी होता है कि आपके शरीर के अंदर की सभी टॉक्सिक चीजें अपने आप बाहर आ जाएगी. वह शरीर में ज्यादा समय तक टीक नहीं पाएगी. 


विटामिन डी के फायदे


विटामिन डी आपके शरीर को कैल्शियम प्रदान करती है. हड्डियों को कमजोर होने से बचाती है. सांस की नली में इंफेक्शन, सांस की दिक्कत, टेंशन, डिप्रेशन, दिल की बीमारी, मांसपेशियों में दर्द, स्ट्रोक और मोटापे को एक हद तक रोकना में मदद करती है. फिनलैंड यूनिवर्सिटी द्वारा पिछले महीने किए गए एक रिसर्च में पाया गया कि विचामिन डी लेने वाले लोग में मेलेनोमा के कम मामले देखे गए हैं. साथ ही जो लोग विटामिन डी की दवाई लेते हैं या धूप में बैठते हैं. उन लोगों में स्किन कैंसर के काफी कम केसेस देखे गए हैं. 


विटामिन डी को लेकर आपके पास ज्यादा ऑप्शन नहीं है. खासकर खाने वाली चीजों में. सैल्मन और टूना फीश में विटामिन डी काफी मात्रा में पाई जाती है. या यूं कहे कि अंडे की पीले भाग में विटामिन डी पाई जाती है. लेकिन प्रॉब्लम यह है कि ज्यादातर भारतीय शाकाहारी हैं और वह ज्यादा सब्जी पर निर्भर करते हैं. सब्जी में भी मशरूम में विटामिन पाया जाता है. 


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