Deep Vein Thrombosis Symptoms: पैर में खून का थक्का, जिसे मेडिकल टर्म में डीप वेन थ्रोम्बोसिस कहा जाता है, एक गंभीर स्थिति है और इसमें तुरंत ध्यान देने की जरूरत होती है. कई लोग पैर में अजीब दर्द, सूजन या गर्माहट महसूस होने पर इंटरनेट पर इसके लक्षण खोजते हैं, ताकि यह समझ सकें कि मामला कितना खतरनाक हो सकता है. पैर में खून का थक्का तब बनता है, जब खून गाढ़ा होकर गहरी नस में जमने लगता है. यह आमतौर पर पिंडली या जांघ की नसों में होता है और इसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस कहा जाता है. अगर समय पर इलाज न हो, तो यह थक्का टूटकर फेफड़ों तक पहुंच सकता है, जिससे पल्मोनरी एम्बोलिज्म हो सकता है. यह स्थिति जानलेवा भी साबित हो सकती है.

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DVT में तुरंत इलाज जरूरी

अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, अगर डीबीटी के लक्षण दिखें तो तुरंत मेडिकल मदद लेनी चाहिए. शुरुआती पहचान और इलाज से मौत और गंभीर दिक्कतों को रोका जा सकता है. खून के थक्कों का इलाज आमतौर पर दवाओं या खास मेडिकल प्रक्रियाओं से किया जाता है, जिनका मकसद थक्के को घोलना, हटाना या आगे बढ़ने से रोकना होता है. कई मामलों में मरीज को हफ्तों या महीनों तक दवाएं लेनी पड़ती हैं, ताकि नए थक्के न बनें और शरीर पुराने थक्कों को खुद ठीक कर सके.

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हर व्यक्ति में इसके लक्षण एक जैसे नहीं होते. किसी को हल्के संकेत दिखते हैं, तो किसी को अचानक तेज परेशानी महसूस हो सकती है. नीचे डीबीटी के कुछ आम लक्षण बताए गए हैं.

पैर में दर्द या कोमलता

यह दर्द अक्सर पिंडली से शुरू होता है. यह ऐंठन, दर्द या मांसपेशियों में खिंचाव जैसा लग सकता है. खड़े होने या चलने पर दर्द बढ़ सकता है. आमतौर पर यह समस्या एक ही पैर में होती है, दोनों में नहीं. कई बार इसे मसल स्ट्रेन समझ लिया जाता है, जिससे डीबीटी नजरअंदाज हो सकता है.

एक पैर में सूजन

सूजन अचानक भी आ सकती है या धीरे-धीरे बढ़ सकती है. एक पैर दूसरे की तुलना में ज्यादा बड़ा दिखाई दे सकता है. जूते या पैंट एक तरफ ज्यादा टाइट लगने लगते हैं. पैर में खून के थक्के का यह सबसे आम लक्षण है और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

प्रभावित हिस्से में गर्माहट

जहां थक्का बना होता है, वहां की त्वचा आसपास के हिस्से से ज्यादा गर्म महसूस हो सकती है. यह गर्माहट आमतौर पर एक ही पैर तक सीमित रहती है. ऐसा थक्के के आसपास होने वाली सूजन की वजह से होता है.

त्वचा का लाल या बदला हुआ रंग

पैर की त्वचा लाल, नीली या सामान्य से ज्यादा गहरी दिख सकती है. रंग में यह बदलाव अक्सर पिंडली या जांघ के आसपास नजर आता है. अगर रंग बदलने के साथ दर्द या सूजन भी हो, तो यह डीबीटी की ओर इशारा कर सकता है.

पैर में भारीपन या जकड़न

पैर में भारीपन या कसाव महसूस हो सकता है. यह ऐसा दबाव लगता है, जो आराम करने पर भी ठीक नहीं होता. यह संकेत हल्का हो सकता है, लेकिन शुरुआती चरण में काफी आम माना जाता है.

कम नजर आने वाले लक्षण

कुछ लोगों में ऐसे संकेत भी दिखते हैं, जिन्हें आसानी से नजरअंदाज कर दिया जाता है. जैसे पैर में हल्की धड़कन, नसों का सामान्य से ज्यादा उभर आना या ऐसा दर्द जो आता-जाता रहता है. ये लक्षण हल्के लग सकते हैं, लेकिन अनदेखा करने पर गंभीर बन सकते हैं.

तुरंत इमरजेंसी मदद लें

अगर पैर के लक्षणों के साथ सांस लेने में तकलीफ हो, सीने में दर्द हो, खांसी में खून आए या दिल की धड़कन तेज हो जाए, तो तुरंत इमरजेंसी सेवाओं से संपर्क करें. ये संकेत इस बात के हो सकते हैं कि थक्का फेफड़ों तक पहुंच गया है.

किन लोगों में खतरा ज्यादा होता है?

डीबीटी का जोखिम उन लोगों में ज्यादा होता है, जो लंबे समय तक बैठे रहते हैं, हाल ही में सर्जरी या चोट से गुजरे हों, गर्भवती हों या हाल ही में बच्चे को जन्म दिया हो, धूम्रपान करते हों, हार्मोन थेरेपी या बर्थ कंट्रोल पिल्स लेते हों, या जिनके परिवार में पहले खून के थक्कों का इतिहास रहा हो. अपने जोखिम को जानना जरूरी है, ताकि लक्षण दिखते ही समय रहते सही कदम उठाया जा सके.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.