How to Prevent Stomach Cancer: पेट का कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है. हालांकि इसमें जनैटिक कारण और एनवायरमेंटल कारक भी भूमिका निभाते हैं, लेकिन खानपान और लाइफस्टाइल का असर सबसे ज्यादा माना जाता है. रोजमर्रा की आदतों में छोटे-छोटे बदलाव करके पेट की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है और कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है. सही भोजन, साफ-सफाई, और समय पर जांच पेट को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मदद करती है.
पेट के कैंसर का खतरा कम करने के 4 आसान तरीके
AIIMS, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड से प्रशिक्षित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर पेट के कैंसर से बचाव को लेकर कुछ आसान और कारगर उपाय साझा किए हैं. उनका कहना है कि अगर समय रहते सावधानी बरती जाए, तो इस बीमारी से बचाव संभव है.
कैंसर की पहचान अगर शुरुआती दौर में हो जाए, तो इलाज संभव है
क्रूसीफेरस सब्जियों को डाइट में शामिल करेंब्रोकली, पत्ता गोभी, फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और केल जैसी सब्जियां पेट के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती हैं. इनमें सल्फोराफेन नामक तत्व पाया जाता है, जो कैंसर से लड़ने में मदद करता है. ये सब्जियां शरीर से टॉक्सिक पदार्थ को बाहर निकालने, लिवर को मजबूत बनाने और सेल्स को नुकसान से बचाने का काम करती हैं. इन्हें भाप में पकाकर, हल्का भूनकर या सब्जी के रूप में खाने से डाइजेशन सिस्टम मजबूत होता है. इसके साथ ही इनमें मौजूद विटामिन C, K और फोलेट इम्युनिटी बढ़ाने में भी सहायक होते हैं.
खाने में लहसुन जरूर जोड़ेंलहसुन को आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों में सेहत का खजाना माना जाता है. इसमें मौजूद एलिसिन तत्व एंटी-कैंसर और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है. लहसुन पेट की अंदरूनी परत की सुरक्षा करता है और हानिकारक बैक्टीरिया, खासकर हेलिकोबैक्टर पाइलोरी को बढ़ने से रोकता है. आप लहसुन को सूप, दाल, सब्जी या सलाद में शामिल कर सकते हैं. कच्चा लहसुन सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है, लेकिन हल्का पकाने पर भी इसके गुण काफी हद तक बने रहते हैं.
प्रोसेस्ड मीट से दूरी बनाएंबेकन, सॉसेज, हॉट डॉग और डेली मीट जैसे प्रोसेस्ड फूड में नाइट्रेट और नाइट्राइट जैसे केमिकल पाए जाते हैं, जो पेट के कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं. इनका ज्यादा सेवन डाइजेशन में सूजन और नुकसान पैदा करता है. डॉ. सेठी सलाह देते हैं कि प्रोसेस्ड मीट की जगह ताजा और हल्का भोजन करें. चिकन, मछली, दालें और प्लांट-बेस्ड प्रोटीन बेहतर विकल्प हैं. घर पर बना ताजा खाना और जला-भुना मांस खाने से बचना भी जरूरी है.
हेलिकोबैक्टर पाइलोरी की जांच कराएंएच पाइलोरी नाम का बैक्टीरिया पेट में इंफेक्शन पैदा करता है, जो आगे चलकर गैस्ट्राइटिस, अल्सर और कैंसर का कारण बन सकता है. अगर आपको बार-बार पेट दर्द, जलन, गैस, मतली या अपच की समस्या रहती है, तो जांच जरूर कराएं. समय रहते एंटीबायोटिक और दवाओं से इसका इलाज संभव है. साफ पानी पीना, स्वच्छ भोजन करना और नियमित हेल्थ चेकअप पेट को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.