शादी.कॉम के फाउंडर और सीईओ अनुपम मित्तल ने अपनी जिंदगी के खराब वक्त से जुड़ी यादें रणवीर अल्लाहबादिया के पॉडकास्ट में उजागर किया. इसमें पोडकास्ट में उन्होंने बताया कि 25 साल पहले जब वह अमेरिका में थे उस वक्त ऐसा भी दौर था जब वह गंभीर रूप से एंग्जाइटी, डिप्रेशन और पैनिक अटैक के शिकार हुए थे.


अनुपम मित्तल ने बताई एंग्जायटी को लेकर बताई अपनी आपबीती


अनुपम आगे कहते हैं कि इस दौरान वह अपनी जिंदगी के बुरे वक्त में थे. यह एक ऐसा वक्त था जब उन्होंने अपनी जॉब खो दी थी. इस दौरान वह काफी ज्यादा आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा था. अनुप मित्तल ने अपनी आप बीती बताते हुए कहा कि 25 साल पहले जब वह अमेरिका में थे. तब उन्होंने अपनी नौकरी खो दी थी. इस दौरान वह काफी ज्यादा आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे. वह ऐसी स्थिति थी जब वह पैनिक अटैक और गंभीर एंग्जायटी अटैक से गुजर रहे थे. 


अनुपम मित्तल शार्क टैंक इंडिया


अनुपम मित्तल शार्क टैंक इंडिया के जज भी रह चुके हैं. उन्होंने इस खास पोडकास्ट में कहा कि पैनिक अटैक बेहद डरावनी चीज होती है. इस स्थिति में ऐसा लग रहा था कि पृथ्वी मुझे खा जाएगी. इस दौरान सांस लेने में परेशानी होती है. बाहर से शांत दिखाई देता है लेकिन अंदर दिमाग बिल्कुल काम नहीं करता है. इस दौरान कोई कहे कि खुद को गोली मार लो तो शायद कोई मार भी ले. 


अनुपम मित्तल ने एंग्जायटी से उबरने के लिए बताएं यह खास टिप्स


पैनिक अटैक बेहद डरावनी चीज है. जिससे उबरने के लिए मैंने काफी कुछ किया. मैंने अपने दोस्तों से बात की. कई किताबें पढ़ी. हालांकि साल 2008 में मंदी के कारण उन्हें बहुत बुरा झटका लगा. इस पूरी बीमारी से उबरने में काफी साल लग गए. साल 2008 में ऐसे पैनिक अटैक से गुजर रहे थे इस दौरान वह खुद को बिल्कुल असहाय और असफल समझ रहे थे. 


अनुपम मित्तल बताते हैं कि साल 2012 में थेरेपी से बात करने के बाद मुझे ऐसा लगा कि पढ़ने और थेरेपिस्ट की मदद से मुझे समझ में आया कि अलग-अलग व्यक्ति कि मानसिक स्थिति अलग-अलग होती है. यह बेहद नॉर्मल है और अगर इसे वक्त रहते इलाज किया गया तो इससे आप उबर भी सकते हैं. 


अनुपम मित्तल कहते हैं कि मैंने अपनी पैनिक अटैक, एंग्जायटी से उबरने के लिए ढेर सारी किताबें पढ़ी. क्योंकि शिक्षा ऐसी चीज है कि वह आपको कैसी भी समस्या से उबारने का काम करती है. अगर आप भी ऐसी मानसिक स्थिति से गुजर रहे हैं तो जरूरी है कि आपको थेरेपिस्ट से बात करनी चाहिए. 


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