Damaged Kidney recoverd by Scientist: आज के समय में वैज्ञानिक बहुत आगे बढ़ चुके हैं. एक समय में जहां छोटी से छोटी बीमारियों के कारण लोगों की जान चली जाती थी. आज के समय में वैज्ञानिकों ने ऐसी बीमारियों का इलाज खोज निकाला हैं, जिस बीमारी को ठीक करना काफी ज्यादा मुश्किल लग रहा था. आपने कई बार किडनी खराब होने या किडनी का सही से काम न कर पाने के कारण लोगों को हो रही परेशानी के बारे में सुना होगा. कई केसों में इन्हें ठीक कर पाना मुश्किल होता है. अब डॉक्टरों ने सड़ी हुई किडनी को ठीक करने का तरीका ढूंढ लिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि यह तरीका इंसानों पर कितना कारगर होगा? 

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वैज्ञानिकों ने निकाला समस्या का समाधान

बता दें कि हाल ही में वैज्ञानिकों ने क्रॉनिक किडनी डिजीज को खत्म करने का तरीका निकाल दिया है. यूनिवर्सिटी ऑफ उत्ताह हेल्थ की एक रिसर्च में सामने आया कि सेरामाइड नामक फैटी कोशिकाओं के कारण किडनी के खराब होने में तेजी आती है. ये कोशिकाएं शरीर को ऊर्जा देने वाले माइटोकॉन्ड्रिया पर अटैक करती हैं. इससे किडनी को एनर्जी देने वाली कोशिकाएं सही मात्रा में एनर्जी नहीं दे पाती हैं. 

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उन्होंने बैकअप ड्रग कैन्डिडेट की मदद से चूहों की किडनी को होने वाले डैमेज को रोका और उसको एनर्जी देने वाली माइटोकॉन्ड्रिया कोशिकाओं के बनावट में परिवर्तन लाने में मदद की. हालांकि, कई डॉक्टरों का कहना है कि केवल इसी शोध पर हम नहीं रह सकते हैं. अभी और जांचों के बाद ही कुछ अंदाजा लगाया जा सकता है, जब तक इंसानी शरीर पर इसका शोध नहीं होता.

किडनी खराब होने का मुख्य कारण

हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे डाइबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से किडनी खराब हो जाती है. इन बीमारियों से किडनी में मौजूद रक्त वाहिकाएं खराब हो जाती है, जिससे किडनी शरीर में मौजूद टॉक्सिन को सही से फिल्टर नहीं कर पाती है. हाई बीपी में इन रक्त वाहिकाओं पर काफी ज्यादा प्रेशर पड़ता है, जिससे थोड़े समय के बाद यह खराब हो जाती है. इसके अलावा पेनकिलर का सेवन, शरीर में पानी की कमी, शरीर में बार-बार इन्फेक्शन होना आदि जैसी समस्याओं का सेवन करने से किडनी के खराब होने की आशंका होती है. 

किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण

शरीर में बीमारियों के होने से पहले शरीर में कई तरीके के लक्षण दिखते हैं. लोग इन्हें इग्नोर करते हैं, जिसके कारण बाद में काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अगर आपको बार-बार थकान महसूस होती है. पैर या आंखों में सूजन होती है. पेशाब के रंग में चेंज देखने को मिलता है. रात के समय आपको बार-बार पेशाब आता है. इसके अलावा भूख कम लगना, पीठ में दर्द और किडनी के पास वाली जगह पर दर्द रहता है, तो इसे हल्के में न ले. डॉक्टर को तुरंत दिखाएं और सलाह लें. कभी-कभी लोगों को शरीर में खुजली होना या शरीर में रुखापन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. 

कुछ नेचुरल तरीके से किडनी को खराब होने से रोकने के टिप्स

अपने शरीर और दिमाग को कम टेंशन दें. शरीर में पानी की कमी न होने दें. ज्यादा नमक और साथ ही अधिक मीठा खाने से बचें. बाहर के तले-भुने पदार्थ को खाने से बचें. पेनकिलर को बार-बार न लें. इसके अलावा व्यायाम और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने की कोशिश करें. 

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

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