मेनोपॉज हर महिला को होने वाली समस्या है, जिसमें मासिक धर्म या पीरियड्स हमेशा के लिए बंद हो जाते हैं. जब किसी महिला को लगातार 12 महीने या उससे ज्यादा दिनों तक पीरियड्स यानी मासिक धर्म नहीं आते, तो मेनोपॉज मान लिया जाता है. यह समस्या महिलाओं में 45 से 55 साल की उम्र के बीच आती है. ध्यान देने वाली बात यह है कि यह कोई बीमारी नहीं है, बल्कि महिलाओं के शरीर में होने वाला प्राकृतिक हार्मोनल बदलाव है. इसमें महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन लेवल कम हो जाते हैं, जिससे शरीर में काफी सारे बदलाव और परेशानियां आती हैं, जैसे हड्डियों का कमजोर होना, स्वभाव में चिड़चिड़ापन, थकावट, नींद कम आना और यहां तक कि मोटापा और डायबिटीज जैसी समस्याएं शामिल हैं.

Continues below advertisement

मेनोपॉज के दौरान कॉफी पीना

इस दौरान कई महिलाएं ज्यादा मात्रा में कॉफी का सेवन करना शुरू कर देती हैं, लेकिन क्या मेनोपॉज के दौरान कॉफी पीना लाभदायक है या इससे नुकसान हो सकता है.

मेनोपॉज में कॉफी के फायदे

एक्सपर्ट्स की मानें तो मेनोपॉज के समय कॉफी का सेवन करने से कुछ लक्षणों में राहत मिल सकती है. अक्सर मेनोपॉज के समय महिलाओं के मूड में चिड़चिड़ापन, गुस्सा और थकावट देखने को मिलती है, जो मेनोपॉज के स्वाभाविक लक्षणों में से एक है. अगर महिलाएं इस दौरान सीमित मात्रा में कॉफी का सेवन करती हैं, तो थकान और चिड़चिड़ापन कम होता है, माइंड रिलेक्स होता है और मूड भी फ्रेश होता है.

Continues below advertisement

कॉफी में मौजूद कैफीन हमारे दिमाग को अलर्ट रखता है, जिससे ध्यान और एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है और भूलने की समस्या से भी काफी हद तक राहत मिलती है. कॉफी के सीमित मात्रा से हमारे कॉग्निटिव फंक्शन पर अच्छा असर पड़ता है.

हड्डियों पर कॉफी का असर

मेनोपॉज के समय सबसे बड़े लक्षणों में से एक है हड्डियों का कमजोर होना. अगर कोई महिला ज्यादा कॉफी का सेवन करती है, तो हड्डियों की मजबूती पर गंभीर असर पड़ सकता है, जिससे कई तरह की हड्डियों से संबंधित बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है.

नींद और मूड पर असर

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के स्वभाव में गुस्सा, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग होना आम बात है, लेकिन कैफीन के बड़ी मात्रा में सेवन करने से नींद पर गलत असर पड़ता है, जो अनिद्रा या इंसोम्निया को बढ़ा सकता है.

हॉट फ्लैशेस और घबराहट

कॉफी में मौजूद कैफीन महिलाओं में हॉट फ्लैशेस और तेज पसीना आने की दिक्कत भी होती है, जिससे दिल की धड़कन अचानक तेज होना, घबराहट और बेचैनी जैसी दिक्कतें शामिल हैं.

पेट से जुड़ी समस्याएं

अगर कोई भी महिला ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन करती है, तो पेट संबंधी बीमारी होने का खतरा रहता है, जिसमें अपच, पेट में दर्द और एसिडिटी जैसी समस्याएं शामिल हैं.

मानसिक स्वास्थ्य पर असर

कैफीन के अत्यधिक सेवन से चिंता, एंग्जायटी और घबराहट जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जो आपके दिमागी सेहत के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक हैं.

यह भी पढ़ें: Morning Dreams: सुबह के सपने में ये 5 चीजें दिख जाए तो समझ लें लॉटरी लगने वाली है