Daily Diet Rice: चावल खाना आज की पीढ़ी को पहले की तुलना में अधिक पसंद आता है (Rice lovers). इसके दो मुख्य कारण है. पहला ये कि चावल बनाना (Rice cooking) आसान होता है, ये मात्र 10 मिनट में बनकर तैयार हो जाते हैं और आजकल हर किसी के पास समय की कमी होती है. दूसरी वजह है, हमारा बदला हुआ लाइफस्टाइल (Lifestyle). अब देर रात जागना आम बात है और डिनर (Dinner) के समय ज्यादातर लोगों को चावल खाना एक इजी लगता है (Eating Rice). क्योंकि ये आराम से डायजेस्ट (Easy to digest food) हो जाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि अपने देश में कितनी तरह के चावल उगाए जाते हैं (Types of rice in India) और इनकी क्या विशेषता है? आइए, जानते हैं...


चावल के बारे में कुछ मजेदार फैक्ट्स



  • चावल की सबसे ज्यादा डिशेज साउथ इंडिया में बनाई जाती हैं.

  • हमारे देश में सबसे अधिक धान छत्तीसगढ़ में उगाया जाता है और इसीलिए इस राज्य को धान का कटोरा भी कहा जाता है. यहां साल में दो बार धान की फसल होती है.

  • दुनिया में दो देश सबसे अधिक चावल का उत्पादन करते हैं, भारत और चीन.

  • हमारे देश के साथ ही दुनियाभर में बासमती चालव को सबसे अधिक पसंद किया जाता है. इसका उत्पादन हमारे देश में, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के साथ

  • ही उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में किया जाता है. इन चावलों की शेल्फ लाइफ बहुत अच्छी होती है और दुनियाभर में अपने स्वाद के लिए जाने जाते हैं.


1. बासमती चावल (Basmati Rice): ये चावलों की वो वैरायटी है, जो अपने स्वाद के साथ ही अपनी खुशबू के लिए भी जानी जाती है. बासमती के चावल बनाने के बाद अपने साइज से अधिक लंबे हो जाते हैं इसलिए इन्हें लॉन्ग-ग्रेन-राइस भी कहा जाता है. 


2. गोबिंदभोग चावल: इन चावलों का स्वाद, टेक्सचर और सुंगध सबको मोहित करता है. हालांकि हमारे देश में बंगाल में इन चावलों को सबसे अधिक पसंद किया जाता है. यहां मछली-भात से लेकर अन्य डिशेज बनाने तक ये चावल खूब पसंद किए जाते हैं.


3. मोगरा राइस: चावलों की यह किस्म अन्य चावलों की तुलना में कुछ सस्ती होती है. इनकी सुंगध भूख बढ़ाने वाली होती है. इन चावलों में स्टार्च बहुत अधिक मात्रा में होता है.


4. इंद्राणी चावल: यह चावल मुख्य रूप से महाराष्ट्र के पश्चिमी भाग में उगाया जाता है. यह चावलों की एक हाइब्रिड किस्म है. इन चावलों का उपयोग मुख्य रूप से प्लेन राइज और मसाला राइज बनाने के लिए किया जाता है.


5. पलक्कड़न मट्टा:  इन चावलों का उत्पादन मुख्य रूप से केरल के पलक्कड़ जिले में होता है और इसी के नाम पर इनका नाम पलक्कड़न मट्टा रखा गया है. ये चावल बहुत स्वादिष्ट होते हैं और हर प्रकार का भोजन बनाने में इनका उपयोग किया जा सकता है. हालांकि केरल में इनका उपयोग मुख्य रूप से इडली, डोसा और अन्य डिशेज बनाने में किया जाता है.


6. ब्राउन राइज: फिटनेस फ्रीक लोग ब्राउन राइज खाना पसंद करते हैं. हालांकि पारंपरिक रूप से इन चावलों का उपयोग उत्सव के दौरान या फिर चिकित्सा के दौरान किया जाता है. भारत सहित एशिया कुछ अन्य देश भी ब्राउन राइज उगाते हैं, जैसे थाइलैंड और बांग्लादेश.


7. ब्लैक राइज: काले चावलों का उत्पादन मुख्य रूप से उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में होता है. लेकिन उन चावलों का सेवन मणिपुर और तमिलनाडु में सबसे अधिक किया जाता है. ये चावल स्वाद के साथ ही अपने चिकित्सकीय गुणों (Medicinal Values) के कारण अधिक जाने जाते हैं.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 


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