Raisins Health Benefits: पौष्टिक ड्राईफ्रूट्स की फेहरिस्त में किशमिश (Raisins) हमेशा से ऊपर है. उसके इस्तेमाल से सेहत को कई फायदे मिलते हैं. किशमिश खाने में भी स्वादिष्ट और जेब के उपयुक्त होती है. बाजार में कई प्रकार की किशमिश उपलब्ध है. उसकी अलग-अलग किस्में अंगूर के प्रकार पर निर्भर होती हैं. ये अब बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जानेवाला एक ड्राई फ्रूट्स है. उसे स्मूदी, ओटमिल या योगर्ट में फौरन ऊर्जा बढ़ाने के लिए शामिल किया जाता है.


किशमिश के हैरतअंगेज फायदे


पोषक तत्वों की बात करें तो 40 ग्राम किशमिश में 108 कैलोरी, 1 ग्राम प्रोटीन, 29 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स, 1 ग्राम फाइबर और 21 ग्राम शुगर पाया जाता है. उसके अलावा, दूसरे पौषक तत्व जैसे आयरन, पोटैशियम, कॉपर, विटामिन बी6, मैग्नीज से भरपूर होती है. लेकिन कैलोरी में ज्यादा होने के बावजूद किशमिश को कम मात्रा में खाने की सिफारिश की जाती है. ज्यादा खाने से गैस, ब्लोटिंग और पेट में ऐंठन जैसी समस्याओं का अंदेशा रहता है. इसके बावजूद किशमिश खाने के दूसरे हैरतअंगेज फायदे कम नहीं होते.


कैंसर की कोशिकाओं के खिलाफ- कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने का एक प्रभावी तरीका किशमिश को अपनी डाइट में शामिल करना है. एंटीऑक्सीडेंट्स यौगिक का स्रोत होने के चलते किशमिश शरीर की ऑक्सीडेटिव क्षति और फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा कर सकती है. ऑक्सीडेटिव क्षति कैंसर, ट्यूमर और उम्र से पहले बुढ़ापे के विकास का जिम्मेदार है. 


एनीमिया में मददगार- किशमिश एनीमिया की रोकथाम में एक भूमिका निभा सकती है क्योंकि उसमें खासकर आयरन भरपूर होता है. आयरन के साथ, कॉपर और रेड ब्लड सेल्स को बनाने और शरीर के दूसरे अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचानने के लिए दूसरे जरूरी विटामिन्स भी किशमिश में पाए जाते हैं. 


पाचन के लिए मुफीद- फाइबर में भरपूर होने की वजह से किशमिश आपके पाचन की सेहत के लिए मुफीद है. ये कब्ज को रोकती है और नियमित खाने से पाचन प्रक्रिया भी तेज होता है. सूखे अंगूर में टारटरिक एसिड सूजन रोधी गुण रखने रखने के लिए माना जाता है और कोलन कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है. 


दिल की बीमारी के जोखिम में कमी- एक रिसर्च किशमिश कार्डियोवैस्कुलर रोग के लिए मुफीद बताती है. ये ब्लड प्रेशर और ब्लड प्रेशर कम कर दिल संबंधी बीमारियों के होने का जोखिम कम कर सकती है. पोटैशियम में भी अधिक होने के चलते किशमिश रक्त वाहिकाएं संबंधी दिल की बीमारी, स्ट्रोक को आसान करने में योगदान कर सकती है.   


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