Must Know Facts About Dengue: डेंगू के केस लगातार बढ़ रहे हैं, खासतौर पर दिल्ली एनसीआर में तो मानों इनकी बढ़ा-सी आई हुई है. पिछले एक महीने में डेंगू के मामलों में तेजी से उछाल देखा गया है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेंगू के जितने केस एक साल में आते हैं, उसके आधे केस मात्र अक्टूबर महीने में आए हैं. आंकड़ों की बात करें तो दिल्ली में पिछले महीने करीब 2 हजार केस रजिस्टर हुए हैं.


ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि हम सभी को इस भयानक रोग से बचने के उपाय, लक्षण और इलाज से जुड़ी जरूरी बातें पता होनी चाहिए. सिर्फ बड़ों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी आप कुछ लक्षणों के बारे में जरूर बताएं ताकि उन्हें ऐसी कोई भी समस्या होने पर वे खेल में व्यस्त ना रहकर आपसे अपनी समस्या बताएं. लेकिन बच्चों को यह सब बताने का तरीका ऐसा होना चाहिए कि बच्चे डरें नहीं बल्कि जागरूक बनें. 


क्यों होता है डेंगू?



  • डेंगू फीवर एडीज मच्छरों के काटने से होता है. इन मच्छरों के शरीर पर काली सफेद धारियां होती हैं. इसलिए कुछ लोग इन मच्छरों को बोलचाल की भाषा में टाइगर मच्छर भी कहते हैं. बच्चों को इन मच्छरों की पहचान बताएं.

  • डेंगू का मच्छर हमेशा साफ पानी में पैदा होता है. यानी डेंगू के वयस्क मच्छर उस पानी में अंडे देते हैं, जो साफ हो और कई दिनों से भरा हुआ हो. जैसे, गमले, कूलर, छतर पर रखे टायर या खाली पॉट्स इत्यादि में. इसलिए बच्चों को जागरूक करें कि ऐसी किसी भी जगह पानी दिखे तो आपको सूचित करें. 

  • डेंगू के मच्छर ज्यादातर दिन में काटते हैं और गार्डन, बालकनी, पार्क ऐसी प्रमुख जगहें होती हैं, जहां इन मच्छरों के काटने की आशंका सबसे अधिक होती है. इसलिए ऐसी जगहों पर जाते समय या बैठते समय मॉस्किटो रेपेलेंट्स का उपयोग जरूर करें. जैसे, कोई क्रीम, लोशन, कपड़ों पर लगाने वाला स्प्रे इत्यादि. 

  • शाम के समय घर में कपूर का धुआं करने से भी मच्छर घर में प्रवेश नहीं करते. अब आप सोच रहे होंगे कि मच्छर जब काटते दिन में हैं तो शाम को धुआं क्यों करना? तो ऐसा इसलिए बता रहे हैं क्योंकि खुली जगहों से मच्छर शाम के समय ही घरों में प्रवेश करते हैं. आप गुग्गुल युक्त हवन कप वाली धूप जलाकर उसमें कपूर रखकर शाम के समय धुआं करेंगे तो घर का वातावरण भी शुद्ध होगा और मच्छर भी नहीं आएंगे.


डेंगू के लक्षण



  • डेंगू होने पर 2 से 7 दिन के अंदर तेज बुखार आता है.

  • आंखों के पीछे तेज दर्द होता है

  • शरीर के जॉइंट्स में होने वाला तेज दर्द बहुत परेशान करता है

  • शरीर के ऊपरी हिस्से यानी कमर से ऊपर के हिस्से में दाने या रैशेज हो जाते हैं.

  • घबराहट होती है और उल्टी जैसा मन करता रहता है.

  • शरीर पर जगह-जगह चकत्ते बन जाते हैं.


डेंगू का दूसरा प्रकार है हेमरेजिक फीवर



  • इस तरह का डेंगू होने पर व्यक्ति की त्वचा का रंग पहले की तुलना में पीला हो जाता है.

  • नाक-मुंह और मसूड़ों से खून आने की समस्या हो सकती है.

  • बहुत अधिक बेचैनी

  • शरीर में दर्द

  • त्वचा पर जगह-जगह घाव जैसे दिखना

  • बहुत अधिक प्यास लगना

  • सांस लेने में समस्या

  • उल्टी के साथ खून आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

  • इस फीवर की जांच कराने के बाद आमतौर पर प्लेटलेट्स काउंट काफी कम हो जाता है. खैर, यह मेडिकली इलाज होने के दौरान की बात है. आप लक्षणों पर फोकस करें और ऐसी कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से मिलें.


डेंगू का एक और प्रकार है डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) इस बुखार में ये लक्षण नजर आते हैं...



  • पेशेंट बहुत बेचैनी महसूस करता है, उसे कुछ सोचने, समझने और निर्णय लेने में समस्या हो सकती है.

  • पेट में लगातार तेज दर्द हो सकता है

  • नब्ज धीमी हो जाती है या बहुत तेज चलती है

  • बीपी कम हो जाता है और शरीर धीरे-धीरे ठंडा पड़ने लगता है.


डेंगू के मच्छर पनपने से कैसे रोकें?



  • डेंगू से बचाव का सबसे सटीक तरीका है कि आप इसके मच्छरों को पनपने ही ना दें. अपनी कॉलोनी और सोसायटी में सभी लोग मिलकर निर्णय करें और किसी घर में या घर के आस-पास साफ पानी जमा ना होने दें.

  • यदि आप परिंदों, चिड़िया, गिलहरी इत्यादि के लिए छत या बालकनी में पानी भरकर रखते हैं तो इसे हर दिन बदलें. ताकि डेंगू का मच्छर इसमें अंडे दे भी दे तो उसके लार्वा ना पनप पाएं.

  • शाम के समय पार्क इत्यादि में जाते समय मॉस्किटो रेपेलेंट लगाएं और फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें. बच्चों का भी ऐसे ही ध्यान रखें.

  • घर में पानी की टंकी को ढंककर रखें और समय-समय पर इसकी सफाई कराते रहें. आप पानी में क्लोरी की गोलियां भी डलवा सकते हैं.

  • वैसे तो अभी कूलर उपयोग करने का समय नहीं है लेकिन यदि आपने कूलर की सफाई अभी तक नहीं की है तो जल्दी करें और इसे सुखाकर पैक कर दें.

  • यदि आपके क्षेत्र में नालियों और ड्रेनेज सिस्टम में कीटनाशकों का छिड़काव नहीं होता है तो अपने नगर निगम को इस बारे में सूचित करें. 


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 


 


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