बहुत से कपल्स पैरेंट बनने की कोशिश करते हैं, लेकिन बार-बार प्रयास करने के बावजूद सफलता नहीं मिलती. इसकी सबसे बड़ी वजह सही समय का पता न होना है. महीने में कुछ दिन ऐसे होते हैं जब गर्भधारण की संभावना सबसे ज्यादा होती है. इस समय को ओव्यूलेशन पीरियड कहते हैं. अगर आप इन दिनों में रिलेशन बनाते हैं, तो प्रेग्नेंट होने के चांस काफी बढ़ जाते हैं.

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हर महिला का ओव्यूलेशन समय अलग

गर्भधारण का सबसे अच्छा समय ओव्यूलेशन पीरियड माना जाता है. इस दौरान महिला के शरीर में अंडाणु तैयार होते हैं, जो 12 से 24 घंटे तक जीवित रहते हैं. लेकिन हर महिला का ओव्यूलेशन एक जैसा नहीं होता. यह उनके पीरियड साइकिल पर निर्भर करता है.

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ओव्यूलेशन पीरियड कैसे पता करें?

अगर आपका मासिक धर्म चक्र 28 दिनों का है, तो आमतौर पर पीरियड शुरू होने के 14वें दिन ओव्यूलेशन होता है. ऐसे में 10वें दिन से 17वें दिन तक का समय फर्टाइल विंडो कहलाता है. इसी दौरान प्रेग्नेंसी के चांस सबसे ज्यादा रहते हैं. स्पर्म महिला के शरीर में लगभग 5 दिन तक जिंदा रह सकते हैं, इसलिए ओव्यूलेशन से 2-3 दिन पहले भी रिलेशन बनाने से गर्भधारण हो सकता है.

  •  हर किसी का साइकिल 28 दिन का नहीं होता.
  • जिनका साइकिल 21 दिन का है, उनमें ओव्यूलेशन लगभग 7वें दिन होता है.
  • जिनका साइकिल 35 दिन का है, उनमें यह 21वें दिन के आसपास होता है.
  • अगर सरल शब्दों में कहा जाए तो 14 दिन वाला फॉर्मूला हर महिला के लिए सही नहीं है.

ओव्यूलेशन पहचानने के तरीके

ओव्यूलेशन किट: यह किट पेशाब में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) को मापती है. यह हार्मोन ओव्यूलेशन से पहले तेजी से बढ़ता है.

शरीर के संकेत: इस समय बॉडी टेम्परेचर हल्का बढ़ जाता है और कुछ महिलाओं के ब्रेस्ट में बदलाव महसूस होते हैं.

डॉक्टर की राय

गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. आशिक अली ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था. डॉ. अली के अनुसार, औसतन मासिक धर्म चक्र 28 दिनों का होता है और पीरियड का पहला दिन इसमें पहला दिन माना जाता है. आमतौर पर 14वें दिन ओव्यूलेशन होता है और 11वें से 17वें दिन तक का समय सबसे फर्टाइल माना जाता है. इस दौरान रिलेशन बनाने से गर्भधारण के चांस सबसे ज्यादा होते हैं.

वह कहती हैं कि अगर कपल्स इस समय में लगातार 1-2 महीने तक कोशिश करते हैं, तो प्रेग्नेंट होने की संभावना काफी बढ़ जाती है. जिन महिलाओं के पीरियड्स रेगुलर नहीं होते, वे ओव्यूलेशन किट का इस्तेमाल कर सकती हैं या फॉलिक्युलर स्कैन करवा सकती हैं. यह टेस्ट डॉक्टर की मदद से किया जाता है, जिससे सही ओव्यूलेशन दिन पता चल जाता है. जरूरत पड़ने पर गाइनेकोलॉजिस्ट से सलाह जरूर लें.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.