ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) एक ऐसा कैंसर है जो खासकर महिलाओं के ब्रेस्ट में होता है. और  यह दुनिया भर के महिलाओं में सबसे आम प्रकार का कैंसर है. यह कहना बेहद मुश्किल है कि ब्रेस्ट कैंसर होने के पीछे यह वजह है. लेकिन कई रिसर्च यह खुलासा किया गया है कि इसके पीछे का कारण लाइफस्टाइल और खराब खानपान हो सकता है. इसके पीछे के कारण बढ़ती उम्र, जेनेटिक, मोटापा, धूम्रपान, ज्यादा शराब पीना, बच्चे न पैदा करना और या अधिक उम्र में बच्चे को पैदा करना शामिल है.


Breast Cancer Symptoms: ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण


ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer Symptoms) के लक्षणों में ब्रेस्ट में गांठ पड़ना, ब्रेस्ट के साइज में बदलाव होना, ब्रेस्ट या उसके बगल में दर्द होना. निप्पल से व्हाइट पानी निकलना, स्किन में बदलाव होना. अगर इस बीमारी से बचना है तो इसका तुरंत इलाज शुरू करवाएं. अक्सर 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को अक्सर मैमोग्राम की सिफारिश की जाती है. ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी शामिल है. अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है. 


हर 4 मिनट पर एक महिला को ब्रेस्ट कैंसर का चलता है पता


एक रिसर्च में पता चला है कि भारत में हर चार मिनट में एक महिला को बेस्ट कैंसर की बीमारी का पता चलता है. जबकि इसके इलाज के समय भारतीय महिलाओं की औसत आयु वेस्टर्न महिला की तुलना में एक दशक कम है. इंग्लिश पॉर्टल इंडिया टीवी में छपी खबर के मुताबिक किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के एचओडी प्रोफेसर आनंद मिश्रा ने ग्लोबोकैन 2020 अध्ययन का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है. भारत में ब्रेस्ट कैंसर की घटनाओं में आए दिन वृद्धि हो रही है. 


केजीएमयू ब्रेस्ट अपडेट 2023, शुक्रवार से शुरू होने वाला दो दिवसीय सम्मेलन आओ ऑन्कोप्लास्टी करें. थीम के तहत शुरुआती ब्रेस्ट कैंसर के इलाज और ऑन्कोप्लास्टिक सर्जरी तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करना बेहद जरूरी है. नई प्रौद्योगिकियों ने स्तन कैंसर की शीघ्र पहचान करने के तरीके को बदल दिया है. इलाज कट्टरपंथी सर्जरी से स्तन-संरक्षण सर्जरी तक समान पूर्वानुमान और परिणामों के साथ बदल गया है. ऑन्कोप्लास्टिक स्तन सर्जरी में नई सर्जिकल तकनीकें शामिल हैं जो स्तन के आकार और समरूपता को बनाए रखते हुए कैंसर के इलाज को अनुकूलित करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी के साथ कैंसर सर्जरी के सिद्धांतों को जोड़ती हैं.भारत में महिलाएं आमतौर पर बीमारी से संबंधित लक्षणों को नजरअंदाज कर देती हैं. देरी से इसका इलाज शुरू करेती है.भारत के लोग इलाज से तब तक बचते हैं जब तक उन्हें परेशानी न हो. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


ये भी पढ़ें: क्या हर महीने वक्त से पहले आ जाते हैं पीरियड्स? एक्सपर्ट से जानें इसके पीछे की वजह क्या है?