Obesity In Youth: तेजी से बढ़ता मोटापा (obesity) भारत ही नहीं दुनिया भर के हेल्थ एक्सपर्ट को चिंता में डाल रहा है. नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज के बढ़ते रिस्क से जुड़ा होने के कारण मोटापा तेजी से ऐसे लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है जिनकी लाइफस्टाइल असंतुलित है.हाल ही में हेक्साहेल्थ के एक अध्ययन से पता चला है कि भारत के शहरी इलाकों में 20 साल से कम उम्र के युवा मोटापे की चपेट में जल्दी आ रहे हैं. चलिए जानते हैं कि इस अध्ययन में किस तरह के खुलासे हुए हैं और साथ ही ये भी जानेंगे कि 20 साल से कम उम्र के लोगों के मोटापे की चपेट में आने के बड़े कारण क्या हैं. 

 

शहरी युवाओं में तेजी से बढ़ा है मोटापा 

 

हाल ही में हेक्साहेल्थ ने देश की मेट्रो सिटीज जैसे दिल्ली, मुंबई और बैंगलूरु में मोटापे से संबंधित अध्ययन किए है. इस अध्ययन से साबित हुआ है कि मेट्रो सिटीज में बैंगलूरु में 20 साल से कम उम्र के लोग मोटापे की चपेट में सबसे ज्यादा आए हैं. इस अध्ययन में  दिल्ली , मुंबई और बैंगलूरु में 1000 मोटापे से ग्रस्त लोगों पर रिसर्च की गई. बैंगलूरु में जहां 20 साल से कम उम्र के 15 फीसदी युवाओं में मोटापे से जुड़ी एक से ज्यादा बीमारियां देखी गईं. आपको बता दें कि मोटापे के चलते होने वाली बीमारियों में हाई बीपी और जोड़ों में दर्द जैसी परेशानियां शामिल हैं. इस अध्ययन में पाया गया है कि दिल्ली में 26 से 35 साल की आयु के 36 फीसदी लोगों में मोटापे से जुड़ी बीमारियां देखी गईं. वहीं मुंबई में इसी वर्ग के 41 फीसदी युवाओं में मोटापे के चलते होने वाली बीमारियों का पता लगाया गया. इन शहरों में 26 से 35 साल की उम्र के बीच के लोगों में मोटापे के चलते होने वाली बीमारियों का रिस्क चार गुणा बढ़ गया है. 

 

क्या है तेजी से बढ़ते मोटापे की वजह  

दुनिया को तेजी से अपनी चपेट में लेते मोटापे की सबसे मुख्य संभावित वजह कोरोना का लॉकडाउन और महामारी को  बताया गया है. आपको बता दें कि तीन से चार सालों तक दुनिया भर को प्रभावित करने वाला कोरोना काल लोगों की फिजिकल एक्टिविटी पर काफी भारी पड़ा है. इस दौर में जब लॉकडाउन लगा तो युवाओं पर मोटापा और उससे जुड़ी बीमारियों का रिस्क हावी हो गया. इस दौरान लोगों के मेटाबॉलिज्म में कमी आई और बॉडी इंडेक्स भी प्रभावित हुआ. जबकि देखा जाए तो युवा उम्र में मेटाबॉलिज्म सबसे बेहतर होना चाहिए. देखा जाए तो मेट्रो सिटीज में मोटापा तेजी से बढ़ा है और इसका कारण युवाओं की फिजिकल एक्टिविटी की कमी के साथ साथ स्ट्रेस और असंतुलित लाइफस्टाइल भी हो सकता है.

 

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